नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने जम्मू-कश्मीर में 370 हटाए जाने को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई की. बेंच ने इन याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को चार हफ्तों का समय दिया है. सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सभी याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय मांगा जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. अब अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.
Supreme Court granted Centre four weeks time to file its reply on the various petitions challenging abrogation of Article 370 in Jammu and Kashmir and fixed the matter for further hearing on November 14.
— ANI (@ANI) October 1, 2019
सर्वोच्च अदालत की संवैधानिक पीठ ने सरकार को कश्मीर मामले में दायर की सभी याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए 28 दिन का समय दिया है जबकि एक सप्ताह का समय याचिकाकर्ताओं को दिया है जो सरकार के जवाब में अपना जवाब दाखिल करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता से राज्य में हाईस्पीड इंटरनेट सेवा, फिक्स्ड लैंडलाइन सेवा, अस्पताल और चिकित्सा सेवाओं की बहाली की मांग के लिए जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट जाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी की पार्टी नेता मोहम्मद युसुफ तारिगामी को लेकर दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को लेकर केंद्र से जवाब मांगा है. सर्वोच्च अदालत ने इस मामले को भी जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ले जाने को कहा है.
कश्मीर से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर में दिन में लोगों के आने-जाने पर अब कोई प्रतिबंध नहीं है. केंद्र इसको लेकर दो हफ्तों में एफिडेविट मुहैया कराएगा.
वहीं केंद्र ने कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका में जवाबी हलफनामा दायर किया है, जिन्होंने धारा 370 हटाए जाने को लेकर कश्मीर घाटी में काम करने वाले पत्रकारों पर प्रतिबंध को चुनौती दी है.