अगरतला, 23 अक्टूबर (भाषा) त्रिपुरा के धलाई जिले में बृहस्पतिवार शाम एक नवगठित संगठन द्वारा आहूत बंद के हिंसक हो जाने से तीन सरकारी अधिकारियों समेत 10 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक हिंसा के कारण सरकार ने निषेधाज्ञा लागू कर दी।
टिपरासा समझौता लागू करने, अवैध अप्रवासियों की पहचान करने और हर जिले में हिरासत केंद्र स्थापित करने की मांग को लेकर त्रिपुरा सिविल सोसाइटी नामक एक नवगठित गैर-सरकारी संगठन द्वारा आहूत 24 घंटे के बंद का बृहस्पतिवार को पूर्वोत्तर राज्य में मिला-जुला असर देखने को मिला।
अधिकारियों ने बताया कि धलाई के कमालपुर उपखंड के शांति नगर मार्केट में उस समय हिंसा भड़क उठी जब दुकानदारों ने शाम करीब छह बजे अपनी दुकानें खोलने की कोशिश की।
त्रिपुरा पुलिस के प्रवक्ता राजदीप देब ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बंद समर्थकों ने दुकानदारों और ग्रामीणों पर लाठियों तथा पत्थरों से हमला किया, जिससे कार्यपालक दंडाधिकारी के रूप में ड्यूटी कर रहे सलेमा के बीडीओ अभिजीत मजूमदार समेत 10 लोग घायल हो गए।’’
कमालपुर के एसडीपीओ समुद्र देबबर्मा और सलेमा ब्लॉक के सरकारी इंजीनियर अनिमेष साहा भी इस हिंसा में घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि तीनों अधिकारियों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज (एजीएमसी) रेफर कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि शेष घायलों को कमालपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।
देब ने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है तथा धलाई के पुलिस अधीक्षक मिहिरलाल दास के नेतृत्व में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद हैं।
एक अधिसूचना में जिलाधिकारी विवेक एच बी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों द्वारा आज यानी 23 अक्टूबर, 2025 को बुलाए गए बंद के मद्देनजर झड़पों की छिटपुट घटनाओं की सूचना मिली है।
सुबह छह बजे शुरू हुए इस बंद का त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) के तहत आने वाले पहाड़ी क्षेत्रों में जबरदस्त असर दिखा, जहां टिपरा मोथा पार्टी का प्रभाव है। वहां दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर वाहन नहीं दिखे। हालांकि, मैदानी इलाकों में इसका प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा, जहां सामान्य जनजीवन पर अधिक असर नहीं पड़ा।
राज्य पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) राजदीप देब ने कहा, ‘‘बंद शांतिपूर्ण रहा और सुबह 10 बजे तक कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है। बंद समर्थकों ने राज्य में 36 स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कर दीं, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। धरने पर बैठे लोगों द्वारा पटरियां अवरुद्ध कर दिए जाने के कारण अगरतला से धर्मनगर तक ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं लेकिन अगरतला से सब्रूम तक सेवाएं सामान्य रहीं।’’
उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है और किसी भी अप्रिय घटना को विफल करने के लिए कुछ क्षेत्रों में दंगा नियंत्रण की व्यवस्था की गई है।
गैर-सरकारी संगठन ने आठ सूत्री मांगों पर बंद बुलाया था, जिनमें टिपरासा समझौता लागू करना, गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप अवैध विदेशी अप्रवासियों की पहचान करना और हर जिले में हिरासत केंद्र स्थापित करना शामिल है।
सिपाहीजाला के टकरजाला में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बंद का आह्वान मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया है ताकि देश भर में यह संदेश दिया जा सके कि त्रिपुरा में कुछ हो रहा है, लेकिन विकास को इस तरह रोका नहीं जा सकता है।’’
भाषा रवि कांत सिम्मी
सिम्मी
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
