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Sunday, 26 October, 2025
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इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी ने जाति सर्वेक्षण में भाग लेने से इनकार किया

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बेंगलुरु, 16 अक्टूबर (भाषा) इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने कर्नाटक में जारी सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे किसी भी पिछड़ी जाति से नहीं हैं। बृहद बंगलुरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

कर्नाटक में इस सर्वेक्षण को जाति सर्वेक्षण भी कहा जाता है।

कुछ दिन पहले जब सर्वेक्षण करने वाले सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति के आवास पर पहुंचे तो उन्होंने कथित तौर पर सर्वेक्षण कर्मियों से कहा, ‘‘हम अपने घर पर सर्वेक्षण नहीं करवाना चाहते।’’

सूत्रों ने बताया कि सुधा मूर्ति ने सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण 2025 के लिए कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा जारी एक प्रारूप में जानकारी देने से इनकार करते हुए एक स्व-घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

प्रारूप में लिखा है, ‘‘अपने कुछ निजी कारणों से मैं कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा किए जा रहे सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण में जानकारी देने से इनकार कर रही हूं।’’

प्रारूप में लिखी बातों के अलावा सुधा मूर्ति ने कथित तौर पर कन्नड़ में लिखा, ‘‘हम किसी भी पिछड़े समुदाय से नहीं हैं। इसलिए हम ऐसे समूहों के लिए सरकार द्वारा किए गए सर्वेक्षण में भाग नहीं लेंगे।’’

सुधा मूर्ति, उनके निजी सहायक और इंफोसिस के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगने के लिए भेजे गए संदेशों और फोन कॉल का कोई जवाब नहीं दिया।

यह सर्वेक्षण 22 सितंबर को शुरू हुआ था और मूल रूप से सात अक्टूबर को समाप्त होने वाला था, लेकिन बाद में इसे 18 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया। चूंकि सर्वेक्षण में बड़े पैमाने पर शिक्षक शामिल हैं, इसलिए सरकार ने 18 अक्टूबर तक स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।

उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा कि अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर पढ़ाई के नुकसान की भरपाई की जाएगी।

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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