नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह अमेरिका और चीन के बीच नए शुल्क तनाव, घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों और एचसीएल टेक, इन्फोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
इसके अलावा, वैश्विक बाजार के रुझान और भू-राजनीतिक घटनाक्रम भी निवेशकों की धारणा को दिशा देंगे।
ऑनलाइन ट्रेडिंग और संपदा प्रौद्योगिकी कंपनी एनरिच मनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पोनमुडी आर ने कहा, ‘‘इस सप्ताह बाजार की दिशा घरेलू संकेतकों, वैश्विक व्यापक आर्थिक रुझानों और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर निर्भर करेगी। अमेरिका-चीन शुल्क युद्ध के नए सिरे से बढ़ने, जिसकी वजह से शुक्रवार को वॉल-स्ट्रीट पर भारी बिकवाली देखने को मिली, से वैश्विक जोखिम लेने की धारणा कम होने की संभावना है। व्यापार तनाव की वजह से डॉलर का बहिर्वाह बढ़ सकता है, जिससे उभरते बाजारों के शेयरों और मुद्राओं पर और दबाव बढ़ सकता है।’’
शुक्रवार को अमेरिकी बाजार बड़े गिरावट के साथ बंद हुए। नैस्डैक कंपोजिट में 3.56 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एसएंडपी 500 में 2.71 प्रतिशत और डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1.90 प्रतिशत की गिरावट आई।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह घटनाक्रमों से भरा रहेगा। सप्ताह के दौरान प्रमुख घरेलू वृहद आर्थिक आंकड़ों और कंपनियों के वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के नतीजे आएंगे। आंकड़ों के मोर्चे पर, सरकार 13 अक्टूबर को सितंबर के लिए खुदरा मुद्रास्फीति (सीपीआई) के आंकड़े जारी करेगी, उसके बाद 14 अक्टूबर को थोक मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े आएंगे।’’
उन्होंने कहा कि निवेशक आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों और मध्यम स्तर की कंपनियों जैसे इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, विप्रो, टेक महिंद्रा, एलटीआईमाइंडट्री के साथ-साथ बैंकिंग क्षेत्र के दिग्गज एक्सिस बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजों पर नजर रखेंगे।
मिश्रा ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर, फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल के आगामी संबोधन से मौद्रिक नीति की दिशा पर संकेत मिलने की उम्मीद है।’’
एक विशेषज्ञ ने कहा कि निवेशक इस सप्ताह विदेशी निवेशकों की व्यापारिक गतिविधियों पर भी नज़र रखेंगे।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह महत्वपूर्ण रहने की संभावना है क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच नए तनाव के बीच अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट के बाद वैश्विक धारणा सतर्कता वाली हो गई है।’’
वृहद आर्थिक मोर्चे पर, ध्यान अमेरिका पर केंद्रित होगा, जहां फेडरल रिजर्व के प्रमुख मंगलवार, 14 अक्टूबर को भाषण देने वाले हैं। मीणा ने कहा कि फेडरल रिजर्व के ब्याज दर परिदृश्य और मुद्रास्फीति की दिशा पर संकेतों के लिए उनकी टिप्पणियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
पिछले सप्ताह, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,293.65 अंक या 1.59 प्रतिशत बढ़ा और एनएसई निफ्टी 391.1 अंक या 1.57 प्रतिशत के लाभ में रहा।
भाषा अजय अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
