नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) देश में भुगतान ऐप फोनपे और पेटीएम ने दूरसंचार विभाग के धोखाधड़ी जोखिम संकेतक मंच का उपयोग करके नागरिकों को 200 करोड़ रुपये की संभावित वित्तीय धोखाधड़ी से बचाने में मदद की है।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष प्रस्तुति देते हुए फोनपे के सह-संस्थापक राहुल चारी ने कहा कि धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (एफआरआई) डेटा का उपयोग करके फोनपे एवं पेटीएम जैसे ऐप ने 10 लाख से अधिक खातों एवं वॉलेट को ‘फ्रीज’ किया है।
चारी ने कहा, ‘‘ उन्होंने 48 लाख से अधिक संदिग्ध लेनदेन को अवरुद्ध किया है। 200 करोड़ रुपये से अधिक की संभावित वित्तीय हानि को टाला गया है….।’’
चारी की ओर से साझा किए गए विवरण में फोनपे ने दावा किया कि उसने लोगों को करीब 125 करोड़ रुपये की संभावित वित्तीय धोखाधड़ी से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद की है, जबकि पेटीएम ने पिछले दो महीनों में 68 करोड़ रुपये बचाने में मदद की है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में एफआरआई का उपयोग मुख्य रूप से बैंकिंग क्षेत्र और भुगतान सेवाओं में किया जा रहा है।
चारी ने कहा, ‘‘ हालांकि इस मंच की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि उस प्रत्येक सरकारी विभाग एवं निजी संस्था को इस मंच पर शामिल किया जाना चाहिए…जो नागरिक की वित्तीय पहचान के रूप में मोबाइल नंबर का उपयोग कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि एफआरआई मंच की ताकत इसकी डेटा दृश्यता से आती है।
चारी ने कहा, ‘‘ दूरसंचार विभाग, अन्य विभागों, साथ ही फोनपे, पेटीएम और बैंकों जैसी कंपनियों के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से हमें संचार साथी ऐप की दृश्यता बढ़ानी होगी। इस डेटा को ‘क्राउडसोर्स’ करना होगा ताकि दूरसंचार विभाग का एफआरआई मंच और भी मजबूत हो सके।’’
उन्होंने कहा कि फोनपे और पेटीएम जैसी कंपनियों के अपने ‘इंटेलिजेंस’ सिग्नल हैं।
चारी ने कहा, ‘‘ इन सिग्नल का दूरसंचार विभाग के एफआरआई मंच में एक ‘फीडबैक लूप’ बनाने से…. दूरसंचार विभाग का एफआरआई दुनिया के साइबर धोखाधड़ी का पता लगाने वाले सर्वश्रेष्ठ मंच में से एक बन जाएगा।’’
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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