नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती के खिलाफ धोखाधड़ी के एक मामले की सुनवाई मध्यप्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित कर दी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने बचाव पक्ष के गवाहों को धमकाने के दावों का संज्ञान लेने के बाद भारती की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। भारती ने कहा था कि मामले में बचाव पक्ष के गवाहों को धमकाने का प्रयास किया गया।
सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश की ओर से पेश वकील ने कहा कि सरकार गवाहों को पुलिस सुरक्षा देने को तैयार है और मुकदमे को स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा कि न्याय न केवल होना चाहिए, बल्कि न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए। पीठ ने याचिका स्वीकार कर ली और मुकदमे को मध्यप्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया।
इस वर्ष फरवरी में मामले की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि निचली अदालत के समक्ष पर्याप्त तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बचाव पक्ष के गवाहों को धमकाने का प्रयास किया गया था।
न्यायालय ने यह भी कहा था कि निचली अदालत को भी तथ्यों के आधार पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने ग्वालियर की एक अदालत में लंबित मामले में आगे की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए कहा था कि निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है।
इस वर्ष अप्रैल में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि बचाव पक्ष के गवाहों पर दबाव डालने के संबंध में याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की राज्य सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों द्वारा उचित जांच नहीं की गई थी।
न्यायालय ने निर्देश दिया था कि बेहतर जांच की जाए और एक महीने के भीतर अदालत को रिपोर्ट सौंपी जाए।
भारती ने दावा किया कि राज्य के पूर्व गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नरोत्तम मिश्रा जिला लोक अभियोजक और अतिरिक्त जिला लोक अभियोजक के साथ कथित तौर पर मिलीभगत करके मुकदमे को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।
एक बैंक प्रबंधक ने भारती पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपनी मां के नाम पर जिला सहकारी ग्रामीण बैंक में राशि जमा की थी। भारती ने आरोपों से इनकार किया है।
भाषा आशीष मनीषा
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