मुंबई, चार अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महाराष्ट्र सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को आश्वासन दिया कि कुनबी जाति के फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, “मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई अधिकारी फर्जी जाति प्रमाणपत्र जारी करता है, तो केवल वह अधिकारी जिम्मेदार होगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
मराठा नेताओं ने पात्र मराठों को कुनबी जाति के तौर पर मान्यता देने की मांग की है, ताकि उन्हें ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिल सके, जबकि ओबीसी नेता मराठाओं के साथ आरक्षण साझा करने के खिलाफ हैं।
ओबीसी को लेकर कैबिनेट उप-समिति के प्रमुख बावनकुले ने बताया कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि मराठा-कुनबी प्रमाणपत्रों से संबंधित सरकारी आदेश का गलत इस्तेमाल न किया जाए और फर्जी प्रमाणपत्र जारी नहीं किए जाएं।
मनोज जरांगे के अनशन के बाद पिछले महीने यह सरकारी आदेश जारी किया गया था, ताकि पात्र मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र आसानी से मिल सके।
बावनकुले ने बताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक प्रमुख ओबीसी नेता, मंत्री छगन भुजबल ने बैठक में सबूत पेश किए कि कुछ अधिकारियों ने फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए हैं।
बैठक में फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार, मंत्री भुजबल, पंकजा मुंडे और अतुल सावे, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार और ओबीसी संगठनों के लगभग 40 प्रतिनिधि शामिल हुए।
बावनकुले ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए ओबीसी संगठनों से 10 अक्टूबर को होने वाली उनकी विरोध रैली को रद्द करने का भी आग्रह किया है।
बावनकुले ने कहा, “हमें विश्वास है कि वे हमारा अनुरोध स्वीकार करेंगे।”
भाषा खारी दिलीप
दिलीप
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