गोरखपुर, 29 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार देर शाम गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र की अष्टमी के अवसर पर पारंपरिक ‘महानिशा पूजा’ की।
योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठाधीश्वर भी हैं।
मंदिर की सदियों पुरानी परंपरा का पालन करते हुए वैदिक मंत्रोच्चार और हवन के साथ अनुष्ठान संपन्न हुए।
इससे पहले, लखनऊ से गोरखपुर पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर पहुंचने से पहले कुसम्ही वन स्थित बुढ़िया माई मंदिर में पूजा की।
गर्भगृह में पूजा-अर्चना और अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ की समाधि पर माथा टेकने के बाद योगी रात भर चलने वाले अनुष्ठान में शामिल हुए।
दो घंटे से ज्यादा समय तक चली इस विस्तृत पूजा में भगवान गणेश, देवी दुर्गा, भगवान राम, सीता और लक्ष्मण, भगवान कृष्ण, नवग्रह, शिव-शक्ति, काल भैरव, अस्त्र-शस्त्र पूजन, द्वादश ज्योतिर्लिंग, अर्धनारीश्वर और अन्य देवताओं की उपासना शामिल थी।
अनुष्ठान का समापन ‘दुर्गा सप्तशती’ के पाठ, आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ।
उपस्थित लोगों में जगद्गुरु स्वामी संतोषाचार्य (जिन्हें सतुआ बाबा के नाम से भी जाना जाता है), मंदिर के महंत और कई भक्त शामिल थे।
योगी आदित्यनाथ बुधवार को पारंपरिक बटुक पूजा के साथ छोटी कन्याओं के पैर धोकर उन्हें भोजन, उपहार और दक्षिणा देकर कन्या पूजन करेंगे।
अगले दिन मुख्यमंत्री विजयादशमी के अवसर पर गुरु गोरखनाथ की विशेष पूजा करेंगे और गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर रामलीला मैदान तक पारंपरिक दशहरा यात्रा का नेतृत्व करेंगे।
भाषा सं. सलीम जितेंद्र
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