गुवाहाटी, 28 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को महान गायक भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि अर्पित की और इस बात पर जोर दिया कि कैसे उनके गीतों ने विभिन्न देशों को जोड़ने का काम किया।
उन्होंने गायक जुबिन गर्ग (जिनकी हाल ही में सिंगापुर में डूबने से मृत्यु हो गई थी) को भी याद किया और उन्हें असम के सबसे चमकते सितारों में से एक बताया।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि गर्ग का संगीत आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगा। मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान असम के इन दो संगीत सितारों का जिक्र किया और कार्यक्रम के दौरान हजारिका के एक प्रसिद्ध गीत के तमिल और सिंहली संस्करण बजाए गए।
मोदी ने दोनों भाषाओं में गीत का एक अंश बजाने के बाद कहा, ‘‘दोस्तों, ये ध्वनियां इस बात की गवाह हैं कि कैसे भूपेन हजारिका के गीत दुनिया भर के विभिन्न देशों को जोड़ते हैं।’’
उन्होंने कहा कि श्रीलंका में हजारिका के प्रतिष्ठित गीत ‘मनुहे-मनुहार बाबे’ का सिंहली और तमिल में अनुवाद करना एक बहुत ही सराहनीय प्रयास था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इन्हीं गीतों का ऑडियो बजाया। कुछ दिन पहले, मुझे असम में हजारिका के जन्मशताब्दी समारोह में भाग लेने का सौभाग्य मिला। यह वास्तव में एक यादगार अवसर था।’’
मोदी ने कहा, ‘‘साथियों, असम में भूपेन हजारिका की जन्मशती के उत्सव के बीच, कुछ दिन पहले एक दुखद क्षण भी आया। लोग ज़ुबिन गर्ग के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध गायक गर्ग ने पूरे देश में अपनी पहचान बनाई।
मोदी ने कहा, ‘‘गर्ग का असमिया संस्कृति से गहरा नाता था। जुबिन गर्ग हमेशा हमारी स्मृतियों में अंकित रहेंगे और उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा।’’
प्रधानमंत्री ने असमिया भाषा में कहा कि गर्ग असम की सांस्कृतिक विरासत का एक चमकता हुआ रत्न थे और वे हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे। सिंगापुर में 19 सितंबर को 52 वर्षीय जुबिन गर्ग की समुद्र में डूबने से मौत हो गई थी।
भाषा संतोष नरेश
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