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Sunday, 28 September, 2025
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करूर भगदड़ पीड़ित ने टीवीके को रैलियां आयोजित करने की अनुमति के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया

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चेन्नई, 28 सितंबर (भाषा) तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) के संस्थापक विजय की रैली में शनिवार को हुई भगदड़ में घायल एक व्यक्ति ने रविवार को मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया कि तमिलनाडु के डीजीपी को शनिवार की घटना की पूरी जांच होने, जिम्मेदारी तय होने और प्रभावी सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित होने तक पार्टी नेता को कोई और सार्वजनिक सभा आयोजित करने की अनुमति न देने का निर्देश दिया जाए।

पीड़ित ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि डीजीपी को निर्देश दिया जाए कि वह घटना की जांच होने तक टीवीके और उसके नेता विजय को कोई सार्वजनिक बैठक, रैली या राजनीतिक सभा आयोजित करने की अनुमति न दें।

अपनी याचिका में, सेंथिलकन्नन ने टीवीके द्वारा दायर उस याचिका में खुद को एक पक्ष के रूप में शामिल करने का अनुरोध किया, जिसमें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह राज्य भर के सभी अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दें कि वे नौ सितंबर, 2025 को याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व के आधार पर 20 सितंबर और 20 दिसंबर, 2025 के बीच तमिलनाडु में विजय के नेतृत्व में राजनीतिक अभियान चलाने के लिए आवश्यक अनुमति पर विचार करें और प्रदान करें।

सेंथिलकन्नन ने अपनी याचिका में कहा कि यह त्रासदी महज एक दुर्घटना नहीं थी, बल्कि योजना बनाने में लापरवाही, घोर कुप्रबंधन और जनता की सुरक्षा की पूरी तरह अनदेखी का सीधा नतीजा थी।

याचिका में कहा गया कि आयोजकों ने बिना किसी रोक-टोक के भीड़ को इकट्ठा होने दिया, पर्याप्त बैरिकेड नहीं लगाए और प्रचार वाहन को इस तरह से खड़ा किया जिससे भीड़ का खतरनाक रूप से उमड़ना शुरू हो गया।

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब करूर हादसे की जांच जारी है, टीवीके और इसके संस्थापक-नेता विजय को और रैलियां करने की अनुमति देना अनगिनत अन्य लोगों के जीवन को खतरे में डालने के समान होगा।

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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