मुंबई, 27 सितंबर (भाषा) अभिनेत्री रानी मुखर्जी अपने लगभग तीन दशक लंबे करियर में पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने पर बहुत उत्साहित हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह भविष्य में और भी पुरस्कार जीतेंगी।
रानी मुखर्जी (46) ने शुक्रवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बातचीत की। इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या यह सम्मान उनकी 1996 में शुरू हुई यात्रा का समापन है।
इस पर मुखर्जी ने कहा, ‘मैं इसे एक अनंत यात्रा के रूप में देखना चाहती हूं।यह जारी रहती है, मैं इसे अंत नहीं कहना चाहती, क्योंकि अभी बहुत कुछ करना बाकी है, कई राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने हैं। शायद यह सिर्फ शुरुआत है।’
मुखर्जी ने बंगाली फिल्म ‘बियेर फूल’ (1996) से फिल्मी दुनिया में पदार्पण किया और फिर ‘कुछ कुछ होता है’, ‘गुलाम’, ‘चलते चलते’, ‘साथिया’, ‘हम तुम’, ‘ब्लैक’, ‘मर्दानी’ और ‘हिचकी’ जैसी ब्लॉकबस्टर हिंदी फिल्मों में काम किया।
मंगलवार को 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें ‘मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे’ में उनके अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्रदान किया।
आशिमा छिब्बर द्वारा निर्देशित, 2023 में प्रदर्शित यह फिल्म नॉर्वे में रहने वाली एक भारतीय मां देबिका चटर्जी (मुखर्जी) की कहानी है, जो अपने बच्चे से जबरन अलग किये जाने के बाद उसे वापस पाने के लिए अधिकारियों से लड़ती है।
समारोह में मुखर्जी अपनी बेटी आदिरा के नाम वाली सोने की चेन पहने हुए नजर आईं।
अभिनेत्री ने कहा कि उनकी नौ साल की बेटी समारोह में शामिल होना चाहती थी, लेकिन प्रोटोकॉल के कारण ऐसा नहीं कर पाई।
‘मेरी बेटी भी राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शामिल होना चाहती थी लेकिन हमें बताया गया था कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों को अनुमति नहीं है। मुझे उसे बताना पड़ा कि वह मेरे साथ नहीं आ सकती और तब उसने कहा, ‘यह गलत है क्योंकि मैं ही सबसे ज्यादा खुश हूं कि आपने यह पुरस्कार जीता।’
अभिनेत्री ने कहा, ‘उसने मेरे लिए एक पेंटिंग भी बनाई थी और मैंने कहा, ‘चिंता मत करो मैं इस खास दिन पर तुम्हें अपने साथ रखूंगी।’ तो, यही मेरा तरीका था उसे अपना साथ महसूस कराने का।’
मुखर्जी ने स्वीकार किया कि जब उन्हें संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘ब्लैक’ (2005) में एक बधिर और अंधी युवती की भूमिका के लिए पुरस्कार नहीं मिला था तो वह ‘निराश’ हो गयी थीं। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन भी थे।
हालांकि, फिल्म ने तीन पुरस्कार जीते – अमिताभ बच्चन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइन और हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म।
‘मैंने ‘ब्लैक’ में काफी मेहनत की थी, और उस समय मैं सिर्फ 25 साल की थी। ऐसी चर्चा थी कि मैं पुरस्कार जीतूंगी, लेकिन यह नहीं मिला…। मैंने सोचा, ‘भले ही आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें, लेकिन तब भी हमेशा आपके मन के अनुसार नहीं होता।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने खुद से कहा, निराश मत हो, कड़ी मेहनत करते रहो, तुम्हें बेहतर करना है और मैं ऐसा करती रही।’
अभिनेत्री ने कहा कि उनके दिवंगत पिता, फिल्म निर्माता राम मुखर्जी का भी ‘दिल टूट गया’ था जब उन्हें ‘ब्लैक’ के लिए अनदेखा कर दिया गया था।
उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता बहुत निराश और दुखी थे कि मैं उस साल पुरस्कार नहीं जीत पाई। फिल्म के निर्देशक संजय भी बहुत दुखी थे। लेकिन मुझे लगता है कि जब चीजें होनी होती हैं, तो हो ही जाती हैं। जिस तरह से भारत और मेरे प्रशंसकों ने अब मेरा उत्साहवर्धन किया, उससे ज्यादा सुखद और बेहतर कुछ नहीं हो सकता था।’
रानी मुखर्जी वर्तमान में ‘मर्दानी’ फ्रेंचाइजी की तीसरी कड़ी पर काम कर रही हैं, जो 2026 में प्रदर्शित होगी।
भाषा तान्या तान्या पवनेश
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