नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के मद्देनजर उपभोक्ताओं के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में विभिन्न देशों के खाद्य नियामकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।
मंत्री ने यहां भारत मंडपम में वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2025 के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन का विषय ‘विकसित खाद्य प्रणालियां – ‘यथा अन्नम तथा मन’ है, जो भोजन की गुणवत्ता और मन के स्वास्थ्य के बीच संबंध को दर्शाता है।
एक सरकारी बयान के अनुसार, नड्डा ने अपने उद्घाटन भाषण में आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में खाद्य सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘वे दिन अब चले गए जब हर देश और स्थानीय आबादी अपने आप को घरेलू स्तर पर उत्पादित खाद्य पदार्थों तक ही सीमित रखती थी। आज दुनिया के एक हिस्से में जो कुछ भी उत्पादित होता है, वह दूसरे हिस्सों में भी उपलब्ध होता है।’
नड्डा ने कहा कि इस वजह से, खाद्य सुरक्षा के मानक केवल अनुपालन के बारे में नहीं है, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह वैश्विक खाद्य प्रणालियों में विश्वास पैदा करने के संदर्भ में है।
उन्होंने कहा, ‘यह आज की वैश्वीकृत और परस्पर जुड़ी दुनिया में ऐसे मंचों के महत्व को रेखांकित करता है।’
मंत्री ने कहा कि एफएसएसएआई खाद्य सुरक्षा और मानकों के में एक वैश्विक अग्रणी के रूप में उभरा है और कोडेक्स एलिमेंटेरियस आयोग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत, एफएसएसएआई के माध्यम से, मसालों और पाक-कला संबंधी जड़ी-बूटियों पर कोडेक्स समिति की मेजबानी करता है। उसने 14 वैश्विक मानक विकसित किए हैं और एशिया के लिए क्षेत्रीय समन्वयक के रूप में कार्य करते हुए सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थ (स्ट्रीट फूड), सुरक्षा और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पहले दो वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलनों की सफलता को भी याद किया और कहा कि इस श्रृंखला का तीसरा शिखर सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय संवाद और नियामक नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को जारी रखता है।
उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन खाद्य सुरक्षा में सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने, वैश्विक सहयोग को बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है कि खाद्य प्रणालियां सुरक्षित, टिकाऊ और समावेशी हों।
इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में 59 देशों के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व व्यापार संगठन जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों से 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
भाषा राजेश राजेश रमण
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