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Thursday, 2 October, 2025
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सोने की कीमतों में तेजी से दुबई के शीर्ष भारतीय आभूषण आयातक ने कारोबार में 30 प्रतिशत की कटौती की

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(लक्ष्मी देवी ऐरे)

जेद्दा, 24 सितंबर (भाषा) पश्चिम एशिया में भारतीय आभूषणों के सबसे बड़े आयातकों में से एक बाफलेह ज्वैलरी, हल्के डिजाइन और कम कैरेट वाले सोने की ओर रुख कर रही है, क्योंकि सोने की कीमतों में तेजी से प्रमुख बाजारों में मांग कम हो गई है।

दुबई स्थित कंपनी के प्रबंध निदेशक रमेश वोरा ने कहा कि कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में भारत से 600-700 किलोग्राम आभूषण आयात किए हैं, जबकि पिछले समूचे वर्ष में यह आंकड़ा 1.2 टन था।

आयात मूल्य में वृद्धि हुई है, लेकिन मात्रा में 20-30 प्रतिशत की गिरावट आई है क्योंकि सोने की कीमतें तीन महीनों के भीतर 2,200-2,500 डॉलर प्रति औंस से बढ़कर 3,600 डॉलर प्रति औंस हो गई हैं।

वोरा ने हाल ही में सऊदी अरब आभूषण प्रदर्शनी (एसएजेईएक्स) में ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘‘ लोग अब इसे वहन नहीं कर सकते। हमारा मानना ​​है कि सोना 4,000 अमेरिकी डॉलर तक भी पहुंच सकता है।’’

कंपनी अगले महीने 14 कैरेट के आभूषण पेश करने की योजना बना रही है। इसके लिए वह कोलकाता और दिल्ली के आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि सोने की मात्रा कम करते हुए रंग की गुणवत्ता बरकरार रखी जा सके।

रणनीति में यह बदलाव आभूषण आयातकों के सामने आने वाली व्यापक चुनौतियों को दर्शाता है क्योंकि सोने की अस्थिर कीमतों के कारण प्रतिदिन 50 डॉलर का उतार-चढ़ाव होता रहता है।

बाफलेह ज्वैलरी को भारत के साथ दुबई के विशेष आयात संवर्धन प्राधिकरण (एसआईपीए) व्यवस्था के तहत शुल्क मुक्त आयात से लाभ मिलता है, लेकिन बढ़ती सोने की लागत ने अब भी समग्र व्यापार को 30-40 प्रतिशत तक कम कर दिया है।

वोरा ने साथ ही भारत की कारीगरी की तुलना इटली, तुर्किये, सिंगापुर और इंडोनेशिया के मशीन-निर्मित आभूषणों से करते हुए कहा, ‘‘ भारतीय आभूषणों को कोई टक्कर नहीं दे सकता क्योंकि ये पूरी तरह से हाथ से बने होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय आभूषण अब भी दुनिया में पहली पसंद हैं और कोई भी उनका मुकाबला नहीं कर सकता।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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