चूड़ाचांदपुर, 21 सितंबर (भाषा) मणिपुर में प्रमुख जोमी समूह ने रविवार को प्रदेश सरकार की उस अधिसूचना की आलोचना की, जिसमें राज्य भर में एक केंद्रीकृत भूमि पंजीकरण प्रणाली लागू करने की व्यवस्था की गई है।
‘जोमी चीफ्स एसोसिएशन’ (जेडसीए) ने इसे निरस्त करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि यह नियम असंवैधानिक है और आदिवासी अधिकारों पर सीधा हमला है।
जेडसीए ने एक बयान में कहा कि मेइती समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों में जमीन हासिल करने में कामयाब रहे, जबकि उन्होंने ‘‘झूठा दावा’’ किया कि उन्हें आदिवासी बहुल क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया गया है।
बयान में आरोप लगाया गया है, ‘‘आजादी के बाद व्यवस्थित घुसपैठ और हेराफेरी के जरिये, हमारी जमीन के बड़े हिस्से-खासकर घाटी के जिलों की सीमा से लगे इलाकों में-हमारी सहमति के बिना पहले ही मिला लिए गए हैं।’’
गत वर्षों के कई पंजीकरण नियमों का उल्लेख करते हुए जेडसीए ने आरोप लगाया कि इसके पीछे योजना सभी भूमि पंजीकरण को इंफाल में केंद्रीकृत करने और आदिवासी लोगों से उनके संवैधानिक सुरक्षा उपायों को व्यवस्थित रूप से छीनने की थी।
भाषा शफीक पारुल
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