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Friday, 12 September, 2025
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नेपाल में जारी हिंसा के मद्देनजर बलरामपुर से सटी सीमा पर कड़ी चौकसी

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बलरामपुर (उप्र), नौ सितंबर (भाषा) नेपाल सरकार द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ देश की राजधानी काठमांडू सहित विभिन्न इलाकों में दूसरे दिन जारी हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए भारत-नेपाल के सीमावर्ती बलरामपुर जिले में भी सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गयी है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

जिले की सीमाओं पर स्थित सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 22 चौकियों पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और सीमा से सटे जिले के पांच थाना क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।

पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने मंगलवार को बताया कि नेपाल में दूसरे दिन भी जारी आंदोलन को देखते हुए नेपाल से सटी सीमा की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।

उन्होंने बताया कि बलरामपुर जिले की 85 किलोमीटर सीमा नेपाल से सटी है। उन्होंने कहा कि इसके तहत पचपेड़वा, गैसड़ी और जरवा सहित पांच थाने आते हैं। उन्होंने बताया कि इन थानों सहित एसएसबी की 22 चौकियों पर भी अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस एसएसबी के साथ लगातार गश्त कर रही है।

उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन कवच’ समितियों को भी सक्रिय रहने एवं हर आने—जाने वालों पर पैनी नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

स्थानीय लोगों के मुताबिक नेपाल में रहने वाले लोग व्हाट्सऐप, फेसबुक एवं मैसेंजर के जरिए भारत में रहने वाले अपने करीबियों से मुफ्त में बात कर लेते थे लेकिन नेपाल में ये सोशल मीडिया मंच प्रतिबंधित होने से परेशानियां हुईं।

भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र रनियापुर निवासी अधिवक्ता अहमद का कहना है कि भारत-नेपाल का हमेशा से रोटी-बेटी का संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि उनके तमाम रिश्तेदार नेपाल में रहते हैं।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया मंचों के जरिये तमाम रिश्तेदारों की खैरियत मालूम हो जाया करती थी, मगर नेपाल सरकार द्वारा इन मंचों पर पाबंदी लगा देने के कारण समस्या पैदा होने लगी थीं। उन्होंने कहा कि नेपाल में तो उग्र प्रदर्शन हो ही रहा है, वहां मौजूद रिश्तेदारों की खैरियत नहीं मिल पाने से उनकी सुरक्षा की भी चिंता सताने लगी है।

भारत नेपाल सीमा से सटे गैसड़ी क्षेत्र के विधायक राकेश यादव का कहना है कि उनके क्षेत्र के सैकड़ों थारू जनजाति परिवारों के अनेक रिश्तेदार नेपाल में रहते हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने से लोगों को समस्या आ गई थी लेकिन नेपाल सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है।

उन्होंने कहा कि नेपाल में हिंसक आंदोलन को समाप्त कराने के लिए सरकार को सार्थक कोशिश करनी चाहिए।

भाषा सं. सलीम अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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