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नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जीएसटी कर ढांचे में किए गए व्यापक सुधार राष्ट्र को समर्थन एवं वृद्धि की दोहरी खुराक है और 21वीं सदी में भारत की प्रगति को समर्थन देने के लिए अगली पीढ़ी के ये सुधार किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी जीएसटी परिषद की बैठक में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के स्लैब को चार से घटाकर दो स्लैब पर लाने और दैनिक उपभोग वाली अधिकांश वस्तुओं को पांच प्रतिशत के स्लैब में लाने के फैसले के एक दिन बाद आई है।
जीएसटी परिषद ने अब सिर्फ पांच एवं 18 प्रतिशत की दो कर दरें ही रखने का फैसला किया है जबकि विलासिता एवं अहितकर उत्पादों को 40 प्रतिशत के विशेष कर दायरे में रखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेताओं के साथ संवाद के दौरान कहा कि इन कर सुधारों से भारत की सशक्त अर्थव्यवस्था में पांच नए रत्न (पंच रत्न) जुड़ गए हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रणाली अब पहले से कहीं अधिक सरल हो गई है और नई कर दरें नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो जाएंगी।
उन्होंने कहा, “जीएसटी 2.0 राष्ट्र को समर्थन और वृद्धि की दोहरी खुराक है। 21वीं सदी में भारत की प्रगति को समर्थन देने के लिए अगली पीढ़ी के ये सुधार किए गए हैं। जीएसटी सुधारों से भारत की सशक्त अर्थव्यवस्था में पांच नए रत्न जुड़े हैं।”
उन्होंने कहा कि समय पर बदलाव किए बगैर देश को वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में उसका उचित स्थान नहीं मिल सकता है।
उन्होंने कहा, “मैंने इस बार 15 अगस्त को लाल किले से कहा था कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अगली पीढ़ी के सुधार जरूरी हैं। मैंने देशवासियों से वादा किया था कि दिवाली और छठ पूजा से पहले खुशियों की दोहरी खुशी मिलेगी।”
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान घरेलू उपभोग वाली बुनियादी वस्तुओं पर भारी कर लगाया जाता था।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने आम आदमी की सहूलियत के लिए उन खामियों को दूर करने की कोशिश की है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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