नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से 31 दिसंबर 2024 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के सदस्यों को पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेजों के बिना भी देश में रहने की अनुमति दी जाएगी।
पिछले साल लागू हुए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के अनुसार, 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए इन उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी।
हाल ही में लागू आव्रजन एवं विदेशी (नारगिक) अधिनियम, 2025 के तहत जारी किया गया यह महत्वपूर्ण आदेश बड़ी संख्या में लोगों, विशेषकर पाकिस्तान से आए उन हिंदुओं को राहत प्रदान करेगा, जो 2014 के बाद भारत आए और अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, ‘‘अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय — हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई — जो धार्मिक उत्पीड़न या इसके डर से भारत में शरण लेने के लिए मजबूर हुए तथा 31 दिसंबर 2024 को या उससे पहले वैध दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश किया, उन्हें वैध पासपोर्ट और वीजा रखने के नियम से छूट दी जाएगी।”
भाषा जितेंद्र सुभाष
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