इंदौर (मध्यप्रदेश), दो सितंबर (भाषा) इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में चूहों ने पिछले 48 घंटों के दौरान जिन दो नवजात बच्चों के शरीर को कुतरा था, उनमें शामिल एक लड़की की मंगलवार को मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
चूहों के हमले के बाद नवजात बच्ची की मौत के कारण एमवायएच प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है, हालांकि उसका दावा है कि अलग-अलग जन्मजात विकृतियों से जूझ रही बच्ची की मौत ‘निमोनिया के संक्रमण’ से हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि गुजरे 48 घंटों के दौरान चूहों ने नवजात बच्चों की सर्जरी से जुड़े विभाग की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में एक बच्चे की अंगुलियों पर काटा, जबकि दूसरे बच्चे के सिर और कंधे पर दांत गड़ा दिए।
एमवायएच की गिनती सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में होती है। यह अस्पताल इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध है।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता (डीन) डॉ. अरविंद घनघोरिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि चूहों के हमले की जद में आए दो नवजात बच्चों में शामिल एक लड़की की मौत हो गई है।
उन्होंने बताया कि अलग-अलग जन्मजात विकृतियों से जूझ रही इस अज्ञात लड़की को खरगोन जिले में लावारिस हालत में छोड़ दिया गया था और उसे इलाज के लिए एमवायएच भेजा गया था।
घनघोरिया ने बताया,‘‘केवल 1.20 किलोग्राम वजन वाली नवजात लड़की की हालत पहले ही गंभीर थी और उसे जीवन रक्षक तंत्र पर रखा गया था। उसकी उम्र 10 दिन के आस-पास प्रतीत होती है।’
डीन के मुताबिक लड़की के शरीर में पूरी तरह आंतें और फेफड़े नहीं बने थे और उसके हीमोग्लोबिन का स्तर भी सामान्य स्तर के मुकाबले बहुत कम था।
उन्होंने कहा,‘‘नवजात लड़की का इलाज कर रहे चिकित्सकों के मुताबिक उसकी जान निमोनिया के संक्रमण के कारण गई है। हालांकि, हमने उसके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। पोस्टमॉर्टम के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।’’
घनघोरिया के मुताबिक चूहों के हमले की जद में आया एक अन्य नवजात बच्चा भी अलग-अलग जन्मजात विकृतियों के कारण गंभीर हालत में एमवायएच में भर्ती कराया गया था, हालांकि फिलहाल उसकी हालत स्थिर है।
डीन ने बताया कि नवजात बच्चों के शरीर को चूहों के कुतरे जाने की घटना की शुरुआती जांच के आधार पर एमवायएच के दो नर्सिंग अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और अस्पताल की नर्सिंग अधीक्षक को पद से हटा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि एमवायएच की साफ-सफाई, सुरक्षा और कीट नियंत्रण के काम के ठेके से जुड़ी एक निजी फर्म को चेतावनी पत्र जारी करते हुए उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
घनघोरिया ने बताया,‘‘इस फर्म से कहा गया है कि अब वह हर 15 दिन के बजाय हर सात दिन के अंतराल में पूरे अस्पताल में कीट नियंत्रण का काम करे।’’
डीन ने दावा किया कि मॉनसून की तेज बारिश के बाद पिछले दो-चार दिन से एमवायएच में चूहे दिखाई दे रहे हैं, वरना इससे पहले अस्पताल में चूहे नजर नहीं आ रहे थे।
बहरहाल, एमवायएच में नवजात बच्चों पर चूहों के हमले का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले, वर्ष 2021 में इस सरकारी अस्पताल की नर्सरी (वह स्थान जहां नवजात बच्चों को देख-भाल के लिए रखा जाता है) में चूहों ने एक बच्चे की एड़ी कुतर दी थी।
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने एमवायएच में नवजात बच्चों पर चूहों के हमले की ताजा घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है और न्यायिक जांच की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा,‘‘एमवायएच में दो नवजात शिशुओं के शरीर को चूहों द्वारा कुतरने का मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली भयावह घटना है। इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
उन्होंने कहा,‘‘इस घटना ने पूरे प्रदेश के माता-पिताओं के दिल में भय और असुरक्षा की भावना भर दी है। यदि प्रदेश सरकार नवजात बच्चों को अस्पताल में भी सुरक्षित नहीं रख पा रही है, तो आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद करना ही व्यर्थ है।’’ भाषा हर्ष जोहेब
जोहेब
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