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Wednesday, 3 September, 2025
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पंजाब: 1,000 से अधिक गांव प्रभावित, मंत्री ने 37 साल में आई सबसे भीषण बाढ़ के लिए केंद्र पर दोष मढ़ा

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चंडीगढ़, 30 अगस्त (भाषा) पंजाब में आई भीषण बाढ़ से 1,000 से ज्यादा गांव और 61,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है जबकि राहत एवं बचाव अभियान तेजी से जारी है।

बाढ़ से प्रभावित सबसे सबसे ज्यादा गांव गुरदासपुर जिले में हैं।

एक तरफ जहां विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि पंजाब के लोग आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की ‘अक्षमता’ के कारण परेशान हैं, वहीं राज्य के जल संसाधन मंत्री बी. कुमार गोयल ने दावा किया कि केंद्र के अधीन भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा जून में समय पर पानी छोड़े जाने से तबाही को काफी हद तक कम किया जा सकता था।

कुछ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की।

इस बीच, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने शनिवार को लोगों से राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने की अपील की।

उन्होंने सभी पंजाबियों से इस मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे का साथ देने और संकट में फंसे हर पंजाबी की मदद करने की भी अपील की।

गर्गज ने कहा कि पंजाब में बार-बार आ रही बाढ़ के असली कारणों का पता लगाना जरूरी है ताकि लोग सतर्क और तैयार रहें।

कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने बाढ़ के लिए बांधों और जल स्रोतों के कथित कुप्रबंधन को ज़िम्मेदार ठहराया और ज़िम्मेदारी तय करने की मांग की।

उन्होंने सवाल किया कि भारी बारिश के पूर्वानुमान के बावजूद, बांधों में पानी जमा क्यों होने दिया गया और चरणबद्ध तरीके से समय पर पानी क्यों नहीं छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि यह किसी अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा से ज़्यादा एक ‘‘आपराधिक लापरवाही’’ है।

हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास व रावी नदियों और के जलग्रहण क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ने से पंजाब भीषण बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिलों में हैं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और जिला अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों से अब तक बाढ़ प्रभावित इलाकों से कुल 11,330 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

कई मंत्री और विधायक बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं।

राज्य के जल संसाधन मंत्री गोयल ने पिछले 37 साल में आई सबसे भीषण बाढ़ के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

गोयल ने दावा किया कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड द्वारा जून में समय पर पानी छोड़े जाने से तबाही काफी कम हो सकती थी।

मंत्री ने कहा कि पंजाब में लाखों लोग अब भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने ‘संकट पर एक भी बयान नहीं दिया, राज्य को कोई मदद देने की तो बात ही छोड़ दें’।

उन्होंने कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड जून में बांधों से पर्याप्त पानी छोड़ने में ‘विफल’ रहा, जिससे पंजाब में बाढ़ के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती थी।

राज्य के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने शनिवार को राहत एवं बचाव उपायों की समीक्षा के लिए व्यास नदी पर बने पौंग बांध और होशियारपुर के मुकेरियां उपमंडल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव ने बांध का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जल प्रवाह को ध्यान में रखते हुए तकनीकी मापदंडों के आधार पर पानी छोड़ने को सख्ती से नियंत्रित करें, ताकि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की कठिनाइयों को कम किया जा सके।

उन्होंने अधिकारियों से सतर्क रहने और चौबीसों घंटे निगरानी बनाए रखने को भी कहा।

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से अब तक राज्य के 1,018 गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें पठानकोट के 81, फाजिल्का के 52, तरनतारन के 45, श्री मुक्तसर साहिब के 64, संगरूर के 22, फिरोजपुर के 101, कपूरथला के 107, गुरदासपुर के 323, होशियारपुर के 85 और मोगा के 35 गांव शामिल हैं।

फसल को नुकसान पहुंचने और मवेशियों की जान जाने के कारण राज्य को भारी वित्तीय नुकसान भी हुआ है।

जिला मुख्यालयों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, फाजिल्का में 16,632 हेक्टेयर, फिरोजपुर में 10,806, कपूरथला में 11,620, पठानकोट में 7,000, तरनतारन में 9,928 और होशियारपुर में 5,287 हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है।

बाढ़ प्रभावित जिलों से अब तक कुल 11,330 लोगों को बचाया गया है।

उन्होंने बताया कि इनमें फिरोजपुर से 2,819, होशियारपुर से 1,052, कपूरथला से 240, गुरदासपुर से 4,771, मोगा से 24, पठानकोट से 1,100, तरनतारन से 60, बरनाला से 25 और फाजिल्का से 1,239 लोग शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान 4,711 बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इनमें फिरोजपुर के 812, गुरदासपुर के 2,571, मोगा के 4, तरनतारन के 60, बरनाला के 25 और फाजिल्का के 1,239 निवासी शामिल हैं।

वर्तमान में, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित 87 राहत शिविरों में से 77 पूरी तरह से कार्यरत हैं, जहां 4,729 लोगों ने शरण ली है।

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन इन लोगों की सभी आवश्यक जरूरतों का ध्यान रख रहा है।

कपूरथला में चार शिविरों में 110 लोग, फिरोजपुर में आठ शिविरों में 3,450, होशियारपुर में 20 शिविरों में 478, गुरदासपुर में 12 शिविरों में 255, पठानकोट में 14 शिविरों में 411 और बरनाला में एक शिविर में 25 लोग हैं।

इसके अलावा, फाजिल्का में 11 शिविर, मोगा में पांच और अमृतसर में दो शिविर हैं।

एनडीआरएफ, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पंजाब पुलिस और सेना स्थानीय समुदायों के सक्रिय सहयोग से इन अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

एनडीआरएफ की सात टीमें गुरदासपुर में, एक-एक फाजिल्का और फिरोजपुर में और दो पठानकोट में तैनात हैं। एसडीआरएफ ने कपूरथला में दो टीमें तैनात की हैं।

सेना, बीएसएफ और वायुसेना भी कपूरथला, गुरदासपुर, फिरोजपुर और पठानकोट में राहत कार्यों में लगी हुई हैं। नागरिक प्रशासन के साथ-साथ पंजाब पुलिस भी प्रभावित लोगों को पूरा सहयोग दे रही है।

मुख्य सचिव के साथ प्रमुख सचिव (जल संसाधन) कृष्ण कुमार, उपायुक्त आशिका जैन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप कुमार मलिक भी मौजूद थे।

बाद में, सिन्हा ने मुकेरियां के हलेड़ और मोतला गांवों के बीच बने धुस्सी बांध (मिट्टी के तटबंध) का दौरा किया और कहा कि जल संसाधन विभाग ऐसे तटबंधों को मजबूत बनाने का काम कर रहा है।

उन्होंने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है।

भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री मोदी से पंजाब के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा करने का आग्रह किया।

पंजाब राज्य आईएएस अधिकारी संघ और पंजाब सिविल सेवा अधिकारी संघ ने प्रदेश में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की।

भाषा जितेंद्र सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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