मुंबई, 26 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से मंगलवार को अनुरोध किया कि वह राज्य सरकार के साथ बातचीत में शामिल हों और गणेश उत्सव के दौरान मुंबई में प्रदर्शन करने की अपनी योजना पर फिर से विचार करें।
शिंदे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने जरांगे के करीबी लोगों को इस बारे में संदेश भेजा है।
शिवसेना नेता ने कहा कि 43 वर्षीय जरांगे को अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन का पूरा अधिकार है, लेकिन उन्हें गणेश उत्सव और मुंबई में इसके वृहद आयोजन को ध्यान में रखना चाहिए।
गणेश उत्सव के एक दिन पहले, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) राजेंद्र साबले पाटिल जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में जरांगे से मिलने गए।
पाटिल ने जरांगे से आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि प्रदर्शनकारी किस रास्ते से मुंबई जाएंगे।
जरांगे मराठा समुदाय को कुनबी जाति (अन्या पिछड़ा वर्ग में शामिल एक जाति) के रूप में मान्यता दिलाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, ताकि उन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिल सके।
जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण देने के लिए मंगलवार (26 अगस्त) तक का ‘अल्टीमेटम’ दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो 27 अगस्त, गणेश चतुर्थी के दिन से मुंबई की ओर पदयात्रा शुरू की जाएगी और 29 अगस्त को आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया जाएगा।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने जरांगे से मुंबई में रैली आयोजित करने की अपनी योजना पर पुनर्विचार करने की अपील की है और रेखांकित किया कि सरकार के साथ बातचीत ही आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है।
उपाध्याय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जरांगे जी, हमारा और आपका रुख एक जैसा है। आपने समुदाय के मुद्दों को संवैधानिक माध्यम से उठाने का जो फैसला लिया है, वह स्वागत योग्य है। रचनात्मक बातचीत के लिए यह रुख महत्वपूर्ण है क्योंकि आंदोलन से ज़्यादा, बातचीत ही सबसे बेहतर तरीका है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार मराठा समुदाय के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लगातार मराठा समुदाय के हित में काम किया है।
उपाध्याय ने कहा, ‘‘अपने पिछले मुख्यमंत्री कार्यकाल में, फडणवीस ने मराठों को आरक्षण दिया था, यह सुनिश्चित किया था कि उच्च न्यायालय में इसे बरकरार रखा जाए और इसके लिए उच्चतम न्यायालय में लड़ाई लड़ी थी।’’
भाषा वैभव आशीष
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