मुंबई, 25 अगस्त (भाषा) मुंबई पुलिस ने यहां एक मजिस्ट्रेट अदालत को सूचित किया है कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े की बहन द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक के खिलाफ दायर मानहानि और पीछा करने की शिकायत में प्रथम दृष्टया संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध का कोई सबूत नहीं है।
बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 202 के तहत यासमीन वानखेड़े की शिकायत की जांच का आदेश दिया था और पुलिस को अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
साल 2021 में दायर अपनी शिकायत में, आईआरएस अधिकारी की बहन ने राज्य के पूर्व मंत्री पर सोशल मीडिया पोस्ट व टेलीविजन साक्षात्कारों में उनके खिलाफ झूठे, मानहानिकारक और निंदनीय आरोप लगाने का इल्जाम लगाया।
हाल में अदालत में प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में मलिक ने कहा है कि उस समय उनके द्वारा की गई पोस्ट और प्रेस वार्ताएं एक राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ता के रूप में उनके कर्तव्य का हिस्सा थी और यासमीन वानखेड़े के प्रति उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है।
बयान और मामले की जांच के आधार पर, रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि यासमीन वानखेड़े का इंस्टाग्राम अकाउंट सार्वजनिक है, और मलिक ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर उनके सार्वजनिक अकाउंट से तस्वीरें दोबारा पोस्ट कीं।
रिपोर्ट में निष्कर्ष दिया गया कि, ‘जांच में प्रथम दृष्टया संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध का कोई साक्ष्य नहीं मिला।’
यासमीन वानखेड़े के वकील अली काशिफ खान देशमुख ने कहा कि पुलिस यह समझने में विफल रही है कि किसी महिला की सोशल मीडिया अकाउंट से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध निजी तस्वीर का इस्तेमाल मानहानिकारक संदर्भ में नहीं किया जा सकता।
भाषा नोमान माधव
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