नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने दिवंगत चित्रकार और पद्म पुरस्कार विजेता एम एफ हुसैन की दो पेंटिंग से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार करने वाले आदेश के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ प्रताप सिंह लालेर ने 22 जनवरी को मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ अधिवक्ता अमिता सचदेवा द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कहा गया था कि आगे जांच की आवश्यकता नहीं है।
मजिस्ट्रेट अदालत ने कहा कि यह मामला उसके समक्ष शिकायत के रूप में आगे बढ़ सकता है।
इसके बाद दिल्ली आर्ट गैलरी प्राइवेट लिमिटेड, इसके सीईओ और एमडी आशीष आनंद और निदेशक अश्विनी आनंद को नोटिस जारी किया गया।
उन्नीस अगस्त के आदेश में सत्र न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश ‘‘वैधानिक प्रावधानों और न्यायिक उदाहरणों के अनुरूप, तर्कसंगत सोच’’ को दर्शाता है।
इसने कहा, ‘‘इस स्तर पर किसी पुलिस जांच की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि साक्ष्य सुलभ हैं, और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (प्रक्रिया जारी करने का स्थगन) की धारा 225 भविष्य में किसी भी जांच के लिए पर्याप्त तंत्र प्रदान करती है।’’
भाषा देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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