लखीसराय (बिहार), 21 अगस्त (भाषा) कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि 130वें संविधान संशोधन विधेयक का उद्देश्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगियों को ‘‘एक और पलटी मारने’’ से रोकना है।
युवा नेता ने यह टिप्पणी लखीसराय जिले में संवाददाता सम्मेलन में की। इससे कुछ ही देर पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी राज्यव्यापी ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ में शामिल हुए, जो एक दिन के अवकाश के बाद फिर से शुरू हुई।
कन्हैया ने कहा, “ भाजपा न केवल अपने विरोधियों, बल्कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे सहयोगियों पर भी दबाव बनाए रखना चाहती है। भाजपा नीतीश जी को संकेत दे रही है कि अगर आपने एक बार फिर पलटी मारी, तो हम आपको किसी मुकदमे में फंसा देंगे, 30 दिन जेल में रखेंगे और बर्खास्त करवा देंगे। उसके बाद, आपकी जदयू के सभी विधायकों को खरीदकर उनसे ‘नरेन्द्र मोदी ज़िंदाबाद’ के नारे लगवाए जाएंगे।”
जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘भाजपा ने यह महसूस करते हुए नई चाल चली है कि विपक्षी दलों पर ईडी और सीबीआई को छोड़ने, ‘ऑपरेशन लोटस’ के माध्यम से अन्य दलों की सरकारों को अस्थिर करने और यहां तक कि आसानी से प्रभावित होने वाले निर्वाचन आयोग की मदद से मतदाता सूची में हेरफेर करने की उनकी पिछली रणनीति से वांछित परिणाम नहीं मिले हैं।’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बुधवार को ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025’ पेश किया जिसमें प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को गंभीर अपराध के आरोपों में 30 दिन तक गिरफ्तार रहने पर पद से हटाने का प्रावधान है।
इस विधेयक को विपक्षी सदस्यों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्होंने इसे ‘संविधान और संघवाद की भावना के विरुद्ध’ बताया।
कुमार ने कहा कि सत्ता के अहंकार में पार्टी यह भूल गई है कि यदि यह विधेयक कानून बन जाता है तो सत्ता से बाहर होने पर भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को मतदाता सूची में विसंगतियों को दूर करने के लिए ज़रूरी बताने वाले निर्वाचन आयोग के दावे का मज़ाक उड़ाते हुए, कुमार ने कहा, “क्या एक बिल्ली पर दूध की रखवाली के लिए भरोसा किया जा सकता है? यही निर्वाचन आयोग है, जिसने महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी के साथ मिलकर हर तरह की अनियमितताओं को होने दिया।’
उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ गठबंधन को बिहार में करारी हार का मुंह देखना पड़ा और उन्हें (हिंदू कैलेंडर के महीने) ‘भादो’ की इस उमस भरी गर्मी में भी सर्दियों वाली कंपकंपी महसूस होगी।
कुमार ने कहा कि इसकी वजह बिहार में लोकतंत्र की मज़बूत जड़ें हैं, जो बुद्ध के युग से चली आ रही हैं और इस ज़मीन का जन आंदोलनों का इतिहास, जिसमें 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन भी शामिल है।
कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कुमार ने यह भी दावा किया कि भाजपा को कभी पता ही नहीं चला कि आजादी हासिल करने के लिए क्या करना पड़ता है, क्योंकि वह ऐसी राजनीतिक परंपरा से आती है जिसने आजादी की लड़ाई में कोई हिस्सा नहीं लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुक्रवार को होने वाले राज्य दौरे पर कटाक्ष करते हुए कुमार ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री उस सुर्खियों से चूक रहे हैं जो राहुल गांधी और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को मिल रही हैं।
कुमार ने कहा, ‘तो, वह अपनी रील बनाकर लाइक और सब्सक्राइबर्स की मिन्नतें करना चाहते हैं। वह दूसरी बार एक पुल का उद्घाटन करने वाले हैं। यह डबल इंजन वाली सरकार का कमाल है।’
इसी प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय जनता दल ( राजद) के राज्यसभा सदस्य संजय यादव ने कहा कि चुनावी बॉन्ड को अवैध घोषित किए जाने के बाद भाजपा की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है।
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नोमान नरेश
नरेश
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