नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने दो पूर्व छात्रों के परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी ।
दोनों पूर्व छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर केंद्रीय पुस्तकालय के भीतर एक डेस्क पर जातिवादी और महिला-विरोधी अपशब्द लिखे थे।
विश्वविद्यालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह “गंभीर घटना” है जो जेएनयू के समावेश, समानता और सद्भाव के मूल्यों के खिलाफ है।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस घटना में शामिल पाए गए दो बाहरी/पूर्व छात्रों का तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है।’
मुख्य प्रॉक्टर द्वारा जारी कार्यालय आदेश में पुष्टि की गई कि दोनों पूर्व छात्रों को ‘जातिवादी’ टिप्पणी लिखने का दोषी पाया गया।
आदेश में यह भी कहा गया कि यदि कोई छात्र दोषी पाए दोनों छात्रों को परिसर में आश्रय देता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले, जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने सोमवार को मुख्य पुस्तकालयाध्यक्ष को शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया था कि पुस्तकालय की एक डेस्क पर “जातिवादी और महिला-विरोधी” टिप्पणियां लिखी गई हैं।
छात्र संघ ने इसे “घृणित जातिवाद का प्रदर्शन” बताते हुए जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की थी।
जेएनयूएसयू ने पहले कहा था, ‘इस परिसर का छात्र समुदाय किसी भी परिस्थिति में इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगा।’
छात्र संघ ने मंगलवार को एक आरोपी की हिरासत पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई का स्वागत किया।
जेएनयूएसयू ने एक बयान में कहा, ‘हम डॉ. भीमराव आंबेडकर केंद्रीय पुस्तकालय में डेस्क पर जातिवादी और महिला-विरोधी’ टिप्पणियां लिखने के लिए ज़िम्मेदार आरोपियों को हिरासत में लेने में पुलिस की त्वरित कार्रवाई के लिए छात्र समुदाय को बधाई देते हैं। हम आश्वासन देते हैं कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके कृत्यों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। जातिवाद के लिए कोई जगह नहीं है।’
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राखी सुरेश
सुरेश
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