गैरसैंण (उत्तराखंड), 20 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के हंगामे के कारण केवल दो दिन में समाप्त होने के सत्तापक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में बुधवार को धराली आपदा समेत अनेक मुद्दों पर चर्चा कराए जाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन उससे पहले ही सत्र स्थगित कर दिया गया।
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक यशपाल आर्य ने कहा कि सदन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में धराली आपदा समेत कई मामलों पर बुधवार को चर्चा कराए जाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन बिना चर्चा के ही सत्र स्थगित हो गया ।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर उन्होंने तथा कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह ने विधानसभा की कार्य यंत्रणा समिति की सदस्यता से अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण को सौंप दिया है।
आर्य ने कहा कि सोमवार की शाम विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई थी जिसमें मंगलवार का एजेंडा तय किया गया और इसके बाद मंगलवार को फिर से बैठक करने की बात तय हुई थी जिसमें बुधवार को धराली आपदा सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा तय की जानी थी ।
हालांकि, उन्होंने कहा, ‘‘19 अगस्त को बैठक ही नहीं हुई, इसलिए हमने कार्य मंत्रणा समिति से इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सत्र लंबा न चलाने की मंशा पहले से ही बना कर आयी थी और इसी के अनुरूप दो दिन के भीतर ही सत्र स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है ।
आर्य ने आरोप लगाया कि पंचायत चुनावों के दौरान बाहुबल और धनबल का प्रयोग तथा सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर सदन का कामकाज रोककर चर्चा की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार की ओर से कहा जा रहा था कि मामला न्यायालय के विचाराधीन है।’’
उन्होंने कहा कि धराली में आपदा के बाद प्रभावितों की स्थिति जस की तस है और राहत के नाम पर लोगों के जख्म पर नमक छिड़कने का कार्य किया जा रहा है।
आर्य ने कहा कि जनता के मुद्दों पर उनकी पार्टी के लोग गिरफ्तारी देंगे और सरकार का असली चेहरा बेनकाब करेंगे।
भाषा सं दीप्ति सिम्मी
सिम्मी
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