रांची/गोड्डा, 20 अगस्त (भाषा) झारखंड के आदिवासी संगठनों ने कई आपराधिक मामलों में वांछित सूर्य नारायण हंसदा की सुरक्षाकर्मियों के साथ कथित मुठभेड़ में हुई मौत के विरोध में बुधवार शाम रांची में कैंडल मार्च निकाला।
जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से यह मार्च निकाला गया और रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर समाप्त हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने कथित मुठभेड़ की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की।
जय आदिवासी केंद्रीय परिषद की अध्यक्ष निरंजना टोप्पो ने आरोप लगाया कि कई राजनीतिक दलों के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हंसदा की ‘हत्या’ की गई है।
टोप्पो ने दावा किया, ‘‘आदिवासी संगठन ने मुठभेड़ में सूर्य हंसदा की मौत के खिलाफ आज शाम रांची में कैंडल मार्च निकाला। हम उनके लिए न्याय की मांग करते हैं। हंसदा की साजिश के तहत की हत्या की गई है।’’
एक अन्य आदिवासी नेता लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा, ‘‘हंसदा एक सामाजिक कार्यकर्ता थे और 350 गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करवा रहे थे। हम पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं।’’
हंसदा को 10 अगस्त को देवघर के नवाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था और कथित मुठभेड़ उस समय हुई जब उसे छिपे हुए हथियार बरामद करने के लिए राहदबदिया पहाड़ियों पर ले जाया जा रहा था।
हंसदा ने कथित तौर पर पुलिस से एक हथियार छीना और मौके से भागने की कोशिश करते हुए पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी।
गोड्डा पुलिस के अनुसार, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई।
इस बीच, भाजपा की झारखंड इकाई के प्रमुख और विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को गोड्डा के ललमटिया स्थित सूर्य नारायण हंसदा के गांव में उनके परिवार से मुलाकात की।
मरांडी ने गोड्डा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हंसदा की मौत मुठभेड़ में नहीं हुई, बल्कि उनकी हत्या की गई। इस मामले में पुलिस के नियमों का पालन नहीं किया गया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।’’
मरांडी ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में हाल ही में सूर्य हंसदा के गांव का दौरा करने वाली भाजपा की सात सदस्यीय ‘जांच टीम’ ने रांची स्थित पार्टी मुख्यालय में एक बैठक भी की।
पार्टी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में मुंडा ने कहा, ‘‘यह एक साजिश के तहत फर्जी मुठभेड़ था। भ्रष्टाचार और लूट के खिलाफ आवाज उठाने पर हंसदा की हत्या कर दी गई। जिस मामले में उनकी मुठभेड़ दिखाई जा रही है, उसमें उनका नाम दर्ज ही नहीं था।’’
उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट जल्द ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को सौंपी जाएगी।
भाषा प्रीति प्रशांत
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