बेंगलुरु, 20 अगस्त (भाषा)कर्नाटक के कई हिस्सों में बुधवार को भी भारी बारिश का सिलसिला जारी रहा, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा, सड़क संपर्क बाधित हुआ और एहतियातन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा जबकि प्रमुख जलाशय पूरी क्षमता के करीब पहुंच गए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक धारवाड़, गडग, दावणगेरे, हावेरी और उत्तर कन्नड़ में भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे घरों और खेतों को नुकसान पहुंचा हैं। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर कुछ इलाकों में लोगों को राहत केंद्रों में ले जाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण कृष्णा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि नारायणपुर जलाशय से 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद, शीलहल्ली पुल डूब गया, जिससे सड़क संपर्क टूट गया जबकि नदी किनारे बसे गांवों पर अब ‘बाढ़ का खतरा’मंडरा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि शीलहल्ली-हंचिनाल पुल के पानी में डूब जाने से कद्दारागड्डी, यारिगोडी और हंचिनाल सहित नदी किनारे के गांवों से सड़क संपर्क टूट गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को अब तालुका मुख्यालय पहुंचने के लिए जलदुर्ग होकर 45 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो प्रसारित हो रहे हैं, जिनमें लोग जलमग्न शीलहल्ली पुल पर बाइक धोते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन ने ‘हाई अलर्ट’ जारी किया है और उफनती कृष्णा नदी में प्रवेश न करने का निर्देश दिया है, जो ‘खतरे’ के निशान से ऊपर बह रही है।
महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण कृष्णा और भीमा नदियों के तटवर्ती इलाकों पर भी ‘बाढ़ का खतरा’ मंडरा रहा है क्योंकि उनके बहाव के ऊपरी इलाकों में भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि भारी जलप्रवाह के कारण बसवसागर बांध के सभी 30 दरवातें खोल दिए गए हैं, जबकि यादगीर जिले में गुरुसांगी बैराज के 17 दरवाजें भी खोले गए हैं।
बेलगावी में, मलप्रभा नदी जल ग्रहण श्रेत्र में भारी बारिश हुई। इस बीच, एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है जिसमें एक बाइक सवार नदी पर बने बाढ़ग्रस्त पुल को पार करने की कोशिश कर रहा है। वह अपनी गाड़ी के साथ बहता हुआ दिखाई दे रहा है, लेकिन बाल-बाल बच गया।
बीदर जिले में प्रसिद्ध अनंत पद्मनाभ मंदिर के गर्भगृह में पानी घुस गया है। राज्य की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के विधायक शरणु सालगर ने विधानसभा में कहा कि इस साल भारी बारिश ने किसानों को तबाह कर दिया है। उन्होंने बताया कि तूर दाल (तोगरी), उड़द और सोयाबीन सहित 1.21 लाख हेक्टेयर में लगी फसलें नष्ट हो गई हैं और कई मवेशियों की मौत भी हुई है।
सालगर ने कहा, ‘‘बेंगलुरु में सड़क पर गड्ढे बड़ी सुर्खिया बनती हैं, लेकिन फसल नुकसान से जूझ रहे किसानों की दुर्दशा नहीं। कृपया बीदर के बसवकल्याण जाकर उनकी पीड़ा देखें। किसानों को कम से कम 25,000 रुपये की राहत मिलनी चाहिए। उन्होंने बीमा प्रीमियम का भुगतान किया है, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिल रहा है। फसल नुकसान का आकलन करने और उसके अनुसार राहत प्रदान करने के लिए एक समिति बनाई जानी चाहिए।’’
इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले सात दिनों में कर्नाटक में व्यापक वर्षा का अनुमान जताया है।
आईएमडी ने बुधवार को उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों में एक या दो स्थानों पर मूसलाधार वर्षा का पूर्वानुमान जताया है, जबकि दक्षिण कन्नड़ के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई।
उत्तरी आंतरिक क्षेत्र में, बेलगावी में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के साथ भारी वर्षा हो सकती है, जबकि बागलकोट, बीदर, कलबुर्गी, विजयपुरा, यादगीर और धारवाड़ में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण, मैसूरु, शिवमोगा, तुमकुरु, चिक्कमगलुरु, कोडागु, हसन और मांड्या सहित दक्षिणी जिलों में भी यही स्थिति रहने का अनुमान है।
आईएमडी ने कहा कि कर्नाटक के तटीय और आंतरिक भागों में 25 अगस्त तक बारिश जारी रहने की संभावना है।
उसने बताया कि 26 अगस्त को दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है, जबकि बीदर, कलबुर्गी और यादगीर में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश हो सकती है।
आईएमडी ने बेंगलुरु के सदंर्भ में बताया कि अगले 24-48 घंटों में सामान्यतः बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश का अनुमान है। 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है, जबकि अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 27-28 डिग्री सेल्सियस और 19-20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।
राज्य के कई जलाशय जल संग्रह के मामले में अपनी पूरी क्षमता के करीब पहुंच रहे हैं। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र के अनुसार, बुधवार तक अलमाट्टी बांध (क्षमता 123.08 टीएमसी) में 123.08 टीएमसी, तुंगभद्रा (105.79 टीएमसी) में 76.91 टीएमसी, केआरएस (49.45 टीएमसी) में 47.73 टीएमसी और नारायणपुरा (33.31 टीएमसी) में 33.31 टीएमसी पानी था।
भाषा धीरज नरेश
नरेश
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