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Wednesday, 20 August, 2025
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गुजरात का ‘डॉग लवर’ दिल्ली CM रेखा गुप्ता पर हमले के आरोप में अरेस्ट, BJP ने कहा – यह राजनीतिक साजिश

सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री पर उनके सरकारी आवास पर साप्ताहिक जन सुनवाई कार्यक्रम के दौरान हुए हमले की निंदा की है.

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नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार सुबह उनके सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर साप्ताहिक जनसुनवाई के दौरान गुजरात के एक व्यक्ति ने हमला किया.

हमलावर की पहचान गुजरात के राजकोट जिले के रहने वाले सकरिया राजेशभाई खीमजीभाई के रूप में हुई. मुख्यमंत्री की सुरक्षा टीम ने तुरंत उसे पकड़ लिया और बाद में पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया.

41 वर्षीय सकरिया ने कथित तौर पर तब हमला किया जब जनसुनवाई के दौरान उसकी बारी आई.

दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 8 बजे हुए इस हमले के पीछे की वजह जानने के लिए सिविल लाइंस थाने में उससे पूछताछ की जा रही है.

इस बीच, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना की कड़ी निंदा की. कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने इसे कायराना हमला बताया.

उन्होंने कहा, “जनसुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी पर हमले की कोशिश कायराना हरकत है. जो लोग आयुष्मान कार्ड, देवी बसें, सीवर सिस्टम में सुधार और यमुना की सफाई से डरते हैं… वे अब इस तरह की हरकतों पर उतर आए हैं. जनता के जनादेश से बनी दृढ़ सरकार न झुकेगी और न रुकेगी. वह दिल्ली के विकास के लिए काम करती रहेगी.”

एक अन्य कैबिनेट मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने विपक्ष पर ऐसे ‘शर्मनाक हथकंडे’ अपनाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी पर जनसुनवाई के दौरान हुए इस कायराना हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं. जनता से उनका बेखौफ जुड़ाव और जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण विपक्ष को असहज करता है, इसी वजह से वे इस तरह के शर्मनाक हथकंडों पर उतर आए हैं. मैं उन्हें ताकत, सुरक्षा और शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं देता हूं.”

राजकोट में सकरिया की मां ने मीडिया से कहा कि उनका बेटा जानवरों से प्यार करता है. “उसे कुत्तों, गायों और दूसरे जानवरों को खाना खिलाना पसंद है. कल उसके पिता ने उसे फोन करके पूछा कि वह घर कब लौट रहा है क्योंकि उसने हमें बताया था कि वह उज्जैन में है. फिर उसने कहा कि वह दिल्ली में है,” उसकी मां ने गुजराती में कहा.

“जब पिता ने पूछा कि वह दिल्ली में क्यों है, तो उसने कहा कि वह कुत्तों के लिए आया है,” उन्होंने आगे कहा.

चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने भी विपक्ष की इन ‘शर्मनाक हरकतों’ की निंदा की. उन्होंने कहा, “यह कायराना हमला जनसुनवाई को बाधित करने और जनता के साथ सीधे संवाद को तोड़ने की असफल कोशिश है. विपक्ष मुख्यमंत्री की जनसेवा और दिल्ली में हो रहे विकास कार्यों से इतना परेशान है कि वे ऐसे शर्मनाक हथकंडे अपना रहे हैं.”

विपक्ष ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी. दिल्ली की नेता विपक्ष आतिशी ने इस घटना की निंदा की. उन्होंने कहा, “दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुआ हमला बेहद निंदनीय है. लोकतंत्र में असहमति और विरोध की जगह है, लेकिन हिंसा की कोई जगह नहीं है. उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस दोषियों के खिलाफ सबसे कड़ी कार्रवाई करेगी. आशा है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह सुरक्षित हैं.”

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि लोग भाजपा की कार्यप्रणाली से नाराज़ हैं.

उन्होंने कहा, “यह बहुत दुखद है, राजनीति में हिंसा की कोई जगह नहीं है… लेकिन भाजपा हिंसा की जननी है… लोग भाजपा से नाराज़ हैं क्योंकि उसके किए वादे पूरे नहीं हुए. जिसने भी यह किया है उसकी जांच होनी चाहिए. लेकिन जैसा कि भाजपा कहा करती थी कि जब अरविंद केजरीवाल पर हमला हुआ था, तो वे कहते थे कि उन्होंने खुद करवाया है. अब आपको खुद देखना होगा कि यह हादसा था या उन्होंने करवाया.”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन मैं एक बात साफ करना चाहता हूं कि अगर यह हमला हुआ है तो मैं इसकी निंदा करता हूं और दोषी के खिलाफ कार्रवाई चाहता हूं.”

दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने कहा कि यह घटना दिल्ली की असुरक्षित स्थिति को भी उजागर करती है. उन्होंने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री पूरे दिल्ली का नेतृत्व करती हैं और मुझे लगता है कि जितनी इस तरह की घटनाओं की निंदा की जाएगी, उतना कम होगा. लेकिन यह घटना महिलाओं की सुरक्षा को भी उजागर करती है. अगर दिल्ली की मुख्यमंत्री सुरक्षित नहीं हैं, तो आम आदमी या आम महिला कैसे सुरक्षित हो सकती है.”

दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री की हालत स्थिर है और जनसुनवाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा, “डॉक्टरों ने उनका परीक्षण किया है. वह अभी सदमे में हैं लेकिन ठीक हैं. वह एक मजबूत महिला हैं और अपने कर्तव्य को जानती हैं. उन्होंने कहा है कि वह अपने काम को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मैं कहना चाहता हूं कि राजनीति में हिंसा की कोई जगह नहीं है.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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