अलीगढ़, 18 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) परिसर में सोमवार को दो छात्रों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के बाद हालात और जटिल हो गये।
चौदह अगस्त को शुरू हुई इस भूख हड़ताल के बाद छात्रों की सेहत बिगड़ने की खबर के बाद पूरे परिसर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। आंदोलनकारी छात्र वार्षिक शुल्क में भारी वृद्धि का विरोध करने के साथ-साथ छात्र संघ चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
एएमयू के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि छात्रों के समूहों ने कई विभागों के गेट बंद कर दिए जिससे कई संकायों में कक्षाओं के संचालन में बाधा उत्पन्न हुई। महिला कॉलेज में सबसे ज़्यादा असर देखने को मिला। यहां बड़ी संख्या में छात्राओं ने मुख्य द्वार को अवरुद्ध कर दिया, जिससे आवाजाही ठप हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने दोपहर तक कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून के आवास की ओर मार्च करने की योजना बनाई। इसके बाद पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी एएमयू परिसर में पहुंच गई।
एएमयू प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने संवाददाताओं को बताया, ”पुलिस को परिसर के अंदर तैनात नहीं किया गया है। उन्होंने केवल आंदोलन फैलने की खबरों के मद्देनजर टोह ली थी। इसके बाद पुलिस बल परिसर से वापस लौट आया।”
उन्होंने कहा कि सुबह से ही विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वारों पर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का संयुक्त दल तैनात है।
अली ने प्रदर्शनकारी छात्रों से अपनी भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील की ताकि ‘बिना किसी दबाव के शांतिपूर्ण बातचीत’ हो सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन ‘सार्थक बातचीत’ के लिए तैयार है।
छात्र संघ चुनावों के बार-बार स्थगित होने के बारे में अली ने कहा, ”हमने वादा किया है कि चुनाव उचित समय पर घोषित किए जाएंगे।”
अनशन कर रहे छात्रों में से एक सैयद कैफ हसन ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि विरोध प्रदर्शन ‘पूरी तरह से शांतिपूर्ण’ था और कुलपति आवास का घेराव करने की कोई योजना नहीं थी।
उन्होंने कहा, ”हम छात्रों से आग्रह करते हैं कि वे अफवाहों का शिकार न हों। हमारी मांगें पूरी होने तक हमारा धरना शांतिपूर्ण ढंग से जारी रहेगा।”
हसन ने कहा कि पुलिस ‘हमारी सुरक्षा के लिए’ मौजूद है और छात्र परिसर में शांति बनाए रखने में सहयोग करेंगे।
एएमयू प्रशासन मौजूदा छात्रों के लिए शुल्क वृद्धि को 20 प्रतिशत तक सीमित रखने पर सहमत हो गया है लेकिन नए प्रवेशों के लिए शुल्क की समीक्षा की कोई घोषणा नहीं की है। प्रदर्शनकारी छात्र शुल्क की समीक्षा की मांग कर रहे हैं।
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सं, सलीम, रवि कांत रवि कांत
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