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Wednesday, 20 August, 2025
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केरल के 104 वर्षीय व्यक्ति ने स्मार्टफोन में महारत हासिल की : डिजिटल क्रांति का प्रतीक

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(लक्ष्मी गोपालकृष्णन)

तिरुवनंतपरुरम, 17 अगस्त (भाषा) एर्नाकुलम जिले के असमन्नूर के एम. ए. अब्दुल्ला मौलवी 104 वर्ष की उम्र में सोशल मीडिया पर अपनी पसंदीदा रील का चयन करने और यूट्यूब पर महत्वपूर्ण समाचार देखने में अविश्वसनीय रूप से आत्मनिर्भर हैं।

अपनी नाज़ुक उंगलियों से अपने बेटे के स्मार्टफोन पर तेजी से प्रार्थना गीत खोजते हुए और विदेश में अपने पोते से बात करने के लिए वीडियो कॉल करने के दौरान मौलवी का झुर्रियों वाला चेहरा गर्व और खुशी से चमक उठता है।

वह केरल के उन करीब 22 लाख लोगों में से एक हैं, जो राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए अग्रणी ‘डिजी केरलम’ कार्यक्रम के माध्यम से डिजिटल रूप से साक्षर हो गए हैं। इस कार्यक्रम ने राज्य में अंततः एक डिजिटल क्रांति का मार्ग प्रशस्त किया।

पेशे से दिहाड़ी मजदूर 79 वर्षीय सरसु शुरू में डिजिटल शिक्षा के खिलाफ थीं, लेकिन बाद में उन्होंने एक यूट्यूब चैनल शुरू किया। इसी तरह मूवट्टुपुझा की 80 वर्षीय सुलोचना ने बिना किसी की मदद के अपने मोबाइल पर सरकारी सेवाएं प्राप्त करना शुरू कर दिया।

केरल में 99.98 प्रतिशत शिक्षार्थियों द्वारा बुनियादी डिजिटल कौशल हासिल करने और उत्तीर्ण होने के साथ, केरल अब देश का ‘पहला डिजिटल साक्षर राज्य’ घोषित किए जाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय स्वशासन विभाग (एलएसजीडी) द्वारा 22 सितंबर 2022 को शुरू किए गए ‘डिजी केरलम’ का उद्देश्य 1991 के संपूर्ण साक्षरता अभियान की तर्ज पर राज्य में पूर्ण डिजिटल साक्षरता हासिल करना है।

इस अभियान के तहत, डिजिटल रूप से निरक्षर लोगों की पहचान की गई और उन्हें स्मार्टफोन चालू/बंद करने से लेकर डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने और सरकारी सेवाओं तक ऑनलाइन पहुंच बनाने जैसे कार्यों का प्रशिक्षण दिया गया।

एलएसजीडी मंत्री एम बी राजेश ने कहा कि राज्य भर में 83,45,879 परिवारों के बीच किए गए सर्वेक्षण के माध्यम से पहचाने गए 21,87,677 डिजिटल रूप से निरक्षर व्यक्तियों को डिजिटल उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन 21 अगस्त को यहां सेंट्रल स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में केरल को आधिकारिक तौर पर डिजिटल रूप से पूर्ण साक्षर राज्य घोषित करेंगे।

राजेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम को दशकों पहले राज्य में हुए ऐतिहासिक संपूर्ण साक्षरता आंदोलन के मॉडल पर लागू किया गया है।’’

मंत्री ने बताया कि डिजिटल तौर पर साक्षरता प्राप्त करने वाले लाखों लोगों में से 15,000 से अधिक लोग अब्दुल्ला की तरह 90 साल से अधिक उम्र के हैं।

अब्दुल्ला के बेटे फैजल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘डिजिटल शिक्षा ने इस उम्र में उनके दैनिक जीवन में बहुत सकारात्मक बदलाव लाया है। अब वह आसानी से यूट्यूब पर समाचार देख सकते हैं और विदेश में अपने पोते से वीडियो कॉल कर सकते हैं।’’

भाषा संतोष रंजन नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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