scorecardresearch
Sunday, 27 July, 2025
होमदेशअर्थजगतअरुणाचल में महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तीकरण, सांस्कृतिक गौरव के इंजन बने ‘होमस्टे’

अरुणाचल में महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तीकरण, सांस्कृतिक गौरव के इंजन बने ‘होमस्टे’

Text Size:

(उत्पल बरुआ)

ईटानगर, 27 जुलाई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश में एक मौन बदलाव हो रहा है क्योंकि कभी नई बात कहे जाने वाले होमस्टे अब, खासकर महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तीकरण और सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक के रूप में उभर रहे हैं।

राज्य के कई जिलों में, जहां सरकारी नौकरी अब एकमात्र आकांक्षा नहीं रही, होमस्टे उद्यम एक स्थायी और सम्मानजनक विकल्प प्रस्तुत कर रहे हैं जो परंपरा को पर्यटन से जोड़ता है।

ज्यादातर महिला उद्यमियों द्वारा संचालित होमस्टे न केवल आय का स्रोत बन गए हैं, बल्कि सशक्तीकरण और पुनरुत्थान के प्रतीक भी बन गए हैं। ये उद्यम सदियों पुरानी परंपराओं को संरक्षित करने में मदद कर रहे हैं, साथ ही देश-विदेश से आने वाले मेहमानों का स्वागत भी कर रहे हैं।

पश्चिम कामेंग जिले के बोमडिला की सांग ड्रोमा इस बदलाव का नेतृत्व करने वाली महिलाओं में से एक हैं। उनके पास दो होमस्टे – बोमडिला एम्बेसी और दिरांग बुटीक कॉटेज हैं। एक छोटे से कदम के रूप में शुरू हुई इस पहल ने उन्हें भारत के विभिन्न हिस्सों और यहां तक कि विदेशों से आने वाले यात्रियों के बीच भी ख्याति दिलाई है।

ड्रोमा कहती हैं, “सरकारी नौकरियों की कमी के बीच हमारे जैसी कई महिलाओं के लिए होमस्टे एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। इस उद्यम को कम पूंजी से शुरू किया जा सकता है और धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है।”

उनकी संपत्तियां सिर्फ़ आवास से कहीं ज़्यादा, एक गहन सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करती हैं।

उन्होंने कहा, “वे (मेहमान) वही खाते हैं जो हम खाते हैं, हमारे त्योहारों में शामिल होते हैं और हमारे रीति-रिवाजों के बारे में सीखते हैं। अपनी पहचान साझा करने से हमें खुशी मिलती है।”

उन्होंने 2019 में अपना दिरांग उद्यम शुरू किया और पिछले साल बोमडिला में एक और उद्यम खोला। आज, वह स्थानीय परंपराओं को बढ़ावा देकर अच्छी कमाई करती हैं।

निचले सुबनसिरी ज़िले के ज़ीरो के धुंध भरे पहाड़ी इलाकों में, एक और उद्यमी, अम्पी रुबू भी कुछ ऐसा ही सफ़र तय करती हैं। गृहिणी से मेज़बान बनीं रुबू ने सितंबर, 2023 में अपना होमस्टे लेम्पिया उदे शुरू किया।

उन्होंने कहा, “यह हम जैसे गृहणियों के लिए एक अच्छा उद्यम है क्योंकि हम विभिन्न प्रकार के लोगों के संपर्क में आते हैं जिनसे हम उनकी संस्कृति के बारे में जान सकते हैं और बदले में उनके साथ अपनी आदिवासी संस्कृति के बारे में जानकारी साझा कर सकते हैं।”

उनके मेहमानों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों तरह के यात्री शामिल हैं, जिनमें से कई होमस्टे में परोसे जाने वाले आदिवासी व्यंजनों का आनंद लेते हैं।

भाषा अजय अनुराग

अजय

अनुराग

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments