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Sunday, 27 July, 2025
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त्योहारी मांग, दाम कम होने से दूसरी छमाही में बढ़ेगी पाम तेल का आयात : आईवीपीए

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) के अध्यक्ष सुधाकर देसाई ने बृहस्पतिवार को कहा कि त्योहारी सीजन की बढ़ती मांग और कम कीमतों के कारण इस साल की दूसरी छमाही में भारत में पाम तेल की मांग बढ़ने की संभावना है। अक्टूबर में समाप्त होने वाले तेल वर्ष 2024-25 के दौरान कुल खाद्य तेल आयात 1.6 करोड़ टन रहने की उम्मीद है।

देसाई ने यहां आईवीपीए वैश्विक गोलमेज के चौथे संस्करण के अवसर पर संवाददाताओं को बताया कि कुल आयात में से लगभग 90 लाख टन पाम तेल, 45 लाख टन सोयाबीन तेल और शेष 35 लाख टन सूरजमुखी तेल होना चाहिए।

देसाई ने कहा, ‘‘पिछले छह महीनों में खाद्य तेल का आयात लगभग 7-8 प्रतिशत कम रहा है, जो ऊंची कीमतों और मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में सामान सस्ता होने की आशंका के कारण है। स्टॉक रखने के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं था। इन्हीं कारणों से यह कम था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब स्थिति बदल रही है। अभी, जो हो रहा है वह यह है कि पाम तेल, जो वास्तव में बहुत महंगा था, अब सस्ता हो रहा है, इसलिए पाम तेल का फिर आयात हो रहा है।

देसाई ने कहा कि शुल्कों में हालिया कमी और नेपाल से शून्य-शुल्क आयात का प्रवाह न होने से भी विदेशों से खेप को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

भारत ने कच्चे और रिफाइंड तेलों के बीच शुल्क अंतर को भी बढ़ा दिया है, जिससे घरेलू उद्योग को आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने के लिए स्टॉक करने में मदद मिलती है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी बाजार विसंगतियों के दूर होने के साथ, अगले छह महीनों में आयात अच्छा रहेगा। मुझे वर्ष 2024-25 में लगभग 1.6 करोड़ टन कुल आयात की उम्मीद है, जो कमोबेश पिछले साल के समान ही है।’’

पिछले छह महीनों में, पाम तेल का आयात पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 12 लाख टन कम हुआ है क्योंकि यह सोयाबीन और सूरजमुखी के तेलों से भी महंगा हो गया था।

देसाई ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘लोग इसे पाम ऑलिव ऑयल कह रहे थे।’’

उन्होंने कहा कि अगस्त से त्योहारों के मौसम में पाम तेल की मांग बढ़ेगी।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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