नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) चालू खरीफ सत्र में अबतक धान की बुवाई का रकबा 11 प्रतिशत बढ़कर 123.68 लाख हेक्टेयर हो गया है। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
खरीफ (ग्रीष्मकालीन) सत्र की मुख्य फसल, धान की बुवाई पिछले साल इसी अवधि में 111.85 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
कृषि विभाग ने 11 जुलाई, 2025 तक खरीफ फसलों के अंतर्गत होने वाली बुवाई के रकबे के बारे में जानकारी जारी की है।
सोमवार को जारी एक सरकारी बयान में कहा गया कि सभी खरीफ फसलों का कुल बुवाई रकबा 11 जुलाई, 2025 तक बढ़कर 597.86 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 560.59 लाख हेक्टेयर था।
दलहनों की खेती का रकबा पहले के 53.39 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 67.09 लाख हेक्टेयर हो गया।
‘श्री अन्न’ या मोटे अनाज की बुवाई का रकबा एक साल पहले की समान अवधि के 99.78 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 116.30 लाख हेक्टेयर हो गया।
गैर-खाद्यान्न श्रेणी में, तिलहनों की खेती का रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के 139.82 लाख हेक्टेयर से घटकर 137.27 लाख हेक्टेयर रह गया।
गन्ने की बुवाई का रकबा अबतक थोड़ा बढ़कर 55.16 लाख हेक्टेयर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 54.88 लाख हेक्टेयर था।
कपास बुवाई का रकबा 95.22 लाख हेक्टेयर से घटकर 92.83 लाख हेक्टेयर रह गया।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस वर्ष कुल मानसून के सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान लगाया है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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