चंडीगढ़, 14 जुलाई (भाषा) बेअदबी के कृत्यों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान वाला एक मसौदा विधेयक सोमवार को पंजाब विधानसभा में पेश किए जाने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही से पहले यहां कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें मंत्रिपरिषद ने बेअदबी रोधी विधेयक को मंजूरी दे दी।
सूत्रों ने बताया कि मसौदा विधेयक में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के कृत्यों के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रस्ताव हो सकता है।
उन्होंने कहा कि धर्मग्रंथों के अपमान से संबंधित मामलों से निपटने के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने का भी प्रावधान हो सकता है। उन्होंने बताया कि बेअदबी के कृत्यों के दोषियों को पैरोल नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पहले कहा था कि राज्य सरकार प्रस्तावित कानून के लिए सभी हितधारकों और धार्मिक निकायों की राय लेगी। उन्होंने संकेत दिया कि इसे तुरंत लागू नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा था, ‘‘हम इसका मसौदा तैयार कर रहे हैं। एक कानून बनाया जाएगा। लेकिन इसके लिए हम हितधारकों, धार्मिक संगठनों से बात करेंगे। हम मसौदा कानून (विधानसभा में) पेश करेंगे।’’
मान ने कहा था, ‘‘लेकिन अंतिम मसौदे के लिए हमें समय चाहिए। इसे विधानसभा में पेश करने के बाद हम जनता की राय लेंगे।’’
उन्होंने तब कहा था, ‘‘हम धार्मिक संस्थाओं से बात करेंगे कि कानून कैसा होना चाहिए। हम (मसौदा) विधेयक को जनता के पास ले जाएंगे और किसी भी संशोधन पर उनकी राय लेंगे।’’
न्याय के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, मान ने कहा था कि इन अपवित्र कृत्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल प्रत्येक व्यक्ति को कठोर दंड मिलेगा।
यह पहली बार नहीं है कि राज्य में बेअदबी के कृत्यों के लिए कड़ी सजा वाला कोई कानून लाया जा रहा है।
साल 2016 में, तत्कालीन शिरोमणि अकाली दल-भाजपा सरकार भी विधेयक लाई थी।
भाषा वैभव मनीषा नरेश
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