नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को दावा किया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से मुलाकात का समय नहीं देकर न सिर्फ उनका, बल्कि राज्य का अपमान किया है।
इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार किया और कहा कि सिद्धरमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, मोदी सरकार से यह आग्रह करने दिल्ली आए थे कि वह कर्नाटक के सात करोड़ लोगों के साथ ‘शत्रुतापूर्ण नफरत’ खत्म करे।
पार्टी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि भाजपा को कर्नाटक के लोगों के अपमान के बारे में जवाब देना चाहिए।
भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का दिल्ली में अपमान! उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा की, लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया और अब वह बिना मुलाकात के लौट गए हैं।’
उन्होंने दावा किया कि यह पहली बार नहीं है जब गांधी परिवार के किसी सदस्य ने कर्नाटक के किसी वरिष्ठ नेता का अपमान किया हो। उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास याद रखता है कि कैसे राजीव गांधी ने बीमार वीरेंद्र पाटिल को बिना सोचे-समझे (मुख्यमंत्री पद से) बर्खास्त कर दिया था, जिससे राज्य में कांग्रेस का पतन हो गया।’
उन्होंने कहा, ‘अब, कमजोर पड़ चुके सिद्धरमैया को उसी व्यक्ति के पीछे छिपने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जो उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं, यानी डीके शिवकुमार, जो उनकी कुर्सी लेने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।’
मालवीय ने कहा, ‘कांग्रेस और विशेष रूप से गांधी परिवार ने कन्नड़ लोगों के साथ हमेशा तिरस्कारपूर्ण व्यवहार किया है। ये तो ताज़ातरीन उदाहरण है।’
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मालवीय पर पलटवार करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘यह आदमी एक विचित्र सनकी है, जिसकी विकृति की कोई सीमा नहीं है।’
उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह एक ऐसी पार्टी है जो अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन सकती, एक ऐसी पार्टी जो कर्नाटक की अपनी इकाई में चल रहे युद्ध के सामने छिपने के लिए उसके पास जगह नहीं है।
सुरजेवाला ने कहा, ‘हकीकत तो यह है कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उनके उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, मोदी सरकार से 7 करोड़ कर्नाटक वासियों के प्रति अपनी शत्रुतापूर्ण नफरत को रोकने का आग्रह करने के लिए दिल्ली आए और उन्हें राज धर्म के बारे में याद दिलाने के लिए कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की।’’
उन्होंने सवाल किया कि क्या आप कृपया कर्नाटक वासियों के अपमान और आजीविका के मुद्दों पर कर्नाटक के साथ बनाई गई दुश्मनी के कारणों का भी जवाब देंगे?
सिद्धरमैया और शिवकुमार बृहस्पतिवार को दिल्ली में थे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य सरकार में नेतृत्व परिवर्तन से जुड़ी अटकलों को खारिज करते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि मुख्यमंत्री पद के लिए ‘‘कोई रिक्ति नहीं’’ है और वह पद पर बने हुए हैं।
मई 2023 में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। कांग्रेस ने किसी तरह शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनने के लिए राजी कर लिया था।
उस समय ऐसी खबरें थीं कि ‘‘बारी-बारी से मुख्यमंत्री’’ बनने को लेकर एक समझौते पर सहमति बनी है, जिसके तहत शिवकुमार को ढाई साल बाद नवंबर 2025 में मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि, पार्टी की ओर से इस समझौते की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई।
भाषा हक वैभव
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