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Tuesday, 15 July, 2025
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जम्मू क्षेत्र में सक्रिय 40-50 आतंकवादियों का पता लगाने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी

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नगरोटा (जम्मू), 11 जुलाई (भाषा) जम्मू क्षेत्र के भीतरी इलाकों और सीमाओं पर सुरक्षा स्थिति शांतिपूर्ण एवं नियंत्रण में रहने के बीच सुरक्षाबल 40 से 50 आतंकवादियों का पता लगाने के मकसद से सिलसिलेवार अभियान चलाते हुए ऊंचाई वाले अहम क्षेत्रों अपना दबदबा कायम करने में जुटे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को काबू में रखने के लिए ड्रोन रोधी रणनीति, अतिरिक्त तैनाती और गहन रात्रि अभियानों पर ध्यान देने समेत बहुस्तरीय उपाय किए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, कई समूहों में सक्रिय लगभग 40 से 50 आतंकवादी वर्तमान में पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में सक्रिय हैं। एक सूत्र ने पूर्व के खुफिया आकलन और जमीनी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘‘उनमें से लगभग 80 प्रतिशत पाकिस्तानी नागरिक हैं।’’

उन्होंने कहा कि राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर समेत विभिन्न जिलों में सिलसिलेवार ढंग से आतंकवाद रोधी अभियान जारी हैं।

जारी अभियानों से परिचित सूत्रों ने कहा, ‘‘हम आतंकवादी गतिविधियों के संबंध में विशिष्ट सूचना पर कार्रवाई कर रहे हैं। उनका पता लगाया जा रहा है और वे भाग रहे हैं।’’

अभियान किश्तवाड़, बसंतगढ़, राजौरी और पुंछ के अंदरूनी इलाकों में केंद्रित हैं, जिनमें जमीनी स्तर की खुफिया जानकारी सेना की गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

सूत्रों ने कहा कि उच्च-संवेदनशीलता वाले क्षेत्रों और ऊंचे इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती कर सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है।

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘क्षेत्र के ऊंचे इलाकों को सुरक्षाबलों के प्रभावी नियंत्रण में लाया गया है और पूरी तरह से उन पर प्रभुत्व स्थापित किया जा रहा है। ‘नाइट विजन’ उपकरणों और अन्य आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके रात में निगरानी तेज कर दी गई है।’’

कश्मीर घाटी में प्रवेश के लिए आतंकवादियों द्वारा पहले इस्तेमाल किए जाने वाले मार्गों को बंद कर दिया गया है और घुसपैठ के प्रयासों को रोकने के लिए निवारक उपाय किए गए हैं।

सूत्र ने कहा, ‘‘सीमा पार गतिविधि जारी है और खबरों से पता चलता है कि सीमा पर आतंकवादी एकत्र हो रहे हैं। हालांकि, हमारे सैनिक ऐसी किसी भी साजिश को विफल करने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं।’’

आतंकवाद रोधी रणनीति को रात्रि अभियानों और रणनीति पर अधिक जोर देने के साथ संशोधित किया गया है, जिसका उद्देश्य आतंकवादियों को फिर से इकट्ठा होने या आश्रय लेने और पहाड़ियों में रात की गतिविधियों को अंजाम देने का अवसर नहीं देना है।

हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अभी तक ऐसी कोई विश्वसनीय खबर नहीं है जो यह बताती हो कि पाकिस्तानी सैनिक आतंकवादियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

सूत्रों ने किश्तवाड़ के चतरू इलाके में हाल में हुई मुठभेड़ का भी हवाला दिया, जहां सेना के जवानों ने एक आतंकवादी समूह को पहले से ही एक रणनीतिक पहाड़ी क्षेत्र पर हावी होने से रोक दिया था। आतंकवादियों ने जवानों पर ग्रेनेड फेंककर जवाबी कार्रवाई की, जो अब कड़ी निगरानी के तहत ऊंचाई वाले इलाकों में काम करने में उनकी बढ़ती बेचैनी की पुष्टि करता है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘हम शिकंजा कस रहे हैं। उनके लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो रहा है और हम देर-सबेर उन्हें ढूंढ़ ही लेंगे।’’

पिछले तीन वर्षों के दौरान जम्मू क्षेत्र के कई पहाड़ी जिलों में दर्जनों हमले, अभियान और मुठभेड़ देखी गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप सैनिक हताहत हुए हैं।

भाषा नेत्रपाल राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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