भोपाल: 27 जून को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर ज़िले के जिला अस्पताल के वार्ड नंबर 22 में 19 साल की ट्रेनी नर्स अपनी रोज़ की ड्यूटी कर रही थीं, लेकिन दोपहर करीब 2:30 बजे जब संध्या चौधरी वार्ड के बाहर खड़ी थी, तभी अचानक एक युवक ने उनके सिर को दीवार से ज़ोर से टकरा दिया.
हमलावर 22 साल का अभिषेक कोश्टी था, जिसने अचानक चाकू निकाला और सीधे संध्या की गर्दन पर वार कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, वह अगले 10 मिनट तक उनकी गर्दन पर वार करता रहा, लेकिन वहां मौजूद लोग बस तमाशा देखते रहे, कुछ तो मोबाइल से वीडियो भी बनाते रहे.
अस्पताल के दो कर्मचारियों ने महज़ एक फीट की दूरी से इस वारदात का वीडियो बनाया—पहले अभिषेक ने संध्या का गला रेता, फिर उसी चाकू से खुद पर वार किया और फिर दोबारा संध्या की गर्दन पर वार करने लगा.
अभिषेक ने सबके सामने संध्या की हत्या कर दी और फिर अस्पताल से भाग निकला. करीब एक घंटे बाद पुलिस को सूचना मिलने पर उसे पकड़ा जा सका. बाकी नर्सिंग छात्राओं ने पुलिस को बताया कि संध्या एमएलबी स्कूल में पढ़ती थीं, इसके बाद पुलिस उनके माता-पिता तक पहुंची. संध्या के पिता हरिलाल चौधरी, जो सब्ज़ी बेचते हैं, जब अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने अपनी इकलौती बेटी को खून से लथपथ पड़ा देखा.
नरसिंहपुर की एसपी मृगाक्षी डेका ने दिप्रिंट को बताया कि अभिषेक ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. “कई चश्मदीदों ने बयान में कहा कि अभिषेक ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर किसी ने बीच-बचाव किया तो वह उन्हें भी मार डालेगा.”
इस घटना के बाद पूरे शहर में गुस्सा फूट पड़ा. स्थानीय लोग पीड़ित परिवार के साथ मिलकर अस्पताल के बाहर सड़क जाम कर धरने पर बैठ गए. गुस्साए परिजनों ने आरोपी अभिषेक का घर तोड़ने की भी मांग की.
एसपी डेका ने कहा, “लोगों ने इस मामले में फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की मांग की है. हमारी चार्जशीट भी लगभग तैयार है. यह हत्या का उन दुर्लभ मामलों में से एक है, जिसमें काफी संख्या में चश्मदीद गवाह हैं.”
संध्या के परिवार ने आरोपी को फांसी देने की मांग की है.
संध्या के पिता हरिलाल चौधरी ने दिप्रिंट से कहा, “वह मेरी इकलौती बेटी थी और बहुत होशियार थी. हमेशा कहती थी कि बड़ी होकर डॉक्टर या नर्स बनेगी. अपनी छोटी सी कमाई में मैं उसे अच्छी से अच्छी पढ़ाई दिलाने की कोशिश कर रहा था.”
पुलिस जांच के मुताबिक, अभिषेक और संध्या की पहचान इंस्टाग्राम के ज़रिए हुई थी और दोनों करीब दो साल से एक-दूसरे को जानते थे. अपने बयान में अभिषेक ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से उसे शक हो रहा था कि संध्या उसका भरोसा तोड़ रही है. उसने संध्या को इस बारे में धमकी भी दी थी.
एसपी डेका ने बताया, “यह बात दोनों के बीच विवाद का कारण बन गई थी और उन्होंने आपस में बात करना बंद कर दिया था. अभिषेक ने यह भी कहा कि उसने संध्या के परिवार को भी धमकी दी थी. 27 जून को जब संध्या अस्पताल के वार्ड के पास खड़ी थी, तभी अभिषेक ने उस पर हमला कर दिया. उसका पहला वार ही जानलेवा साबित हुआ.”
एसपी डेका ने यह भी कहा, “कुछ खबरों में यह दावा किया गया था कि हमला करने से पहले दोनों के बीच झगड़ा हुआ था, लेकिन अब तक की जांच में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है. जो सामने आया है, उसके मुताबिक संध्या वहीं खड़ी थीं, तभी अभिषेक ने अचानक हमला कर दिया.”
इस बीच, नरसिंहपुर के बीजेपी विधायक जमाल सिंह पटेल ने पीड़ित परिवार को 50,000 रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है, वहीं ज़िला प्रशासन ने भी 50,000 रुपये की सहायता देने का ऐलान किया है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: केंद्र में जाने के बाद भी ज़रूरतमंदों के लिए MP में ‘मामा’ बने हुए हैं शिवराज सिंह चौहान