मुंबई, तीन जुलाई (भाषा) वैश्विक जोखिम धारणा और विदेशी कोष की लगातार निकासी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे गिरकर 85.70 पर आ गया।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि रुपया भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सतर्क रणनीति के कारण सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है क्योंकि डॉलर-रुपये में किसी भी गिरावट की भरपाई आरबीआई द्वारा, न केवल परिपक्वताओं के प्रबंधन के लिए बल्कि अपने हस्तक्षेप कुशन के पुनर्निर्माण के लिए भी डॉलर खरीद से की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा डॉलर की लगातार मांग के कारण रुपये की बढ़त सीमित हो रही है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.69 पर खुला और शुरुआती कारोबार में 85.70 के निचले स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से आठ पैसे की गिरावट दर्शाता है।
बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन पैसे कमजोर होकर 85.62 पर बंद हुआ था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि व्यापारी बाजार की दिशा जानने के लिए अमेरिकी व्यापार समझौते और एनएफपीआर आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 96.84 पर पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.72 प्रतिशत की गिरावट के साथ 68.61 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध आधार पर 1,561.62 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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