रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में रेलवे विकास की रफ्तार तेज हो गई है. राज्य में 47,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई रेल परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिनसे न केवल यातायात सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि पर्यटन, व्यापार, उद्योग और रोजगार की संभावनाएं भी मजबूत होंगी.
1853 से लेकर 2014 तक के 161 वर्षों में छत्तीसगढ़ में कुल 1100 रूट किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई थी. वहीं, 2014 से 2030 के बीच के 16 वर्षों में यह नेटवर्क दोगुना होकर 2200 रूट किलोमीटर तक पहुंच जाएगा. रेल बजट 2025-26 में राज्य को 6,925 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
राज्य को दो नई वंदे भारत ट्रेनों – रायपुर-विशाखापत्तनम और रायपुर-नागपुर – की सौगात मिल चुकी है. वहीं, मेट्रो सेवा की संभावनाएं तलाशने के लिए राज्य सरकार ने सर्वे कराने का निर्णय लिया है.
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत राज्य के 32 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने अंबिकापुर, उरकुरा, भिलाई, भानुप्रतापपुर और डोंगरगढ़ स्टेशनों का लोकार्पण किया.
इन स्टेशनों के पुनर्विकास पर कुल 1680 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. बिलासपुर (435 करोड़), रायपुर (463 करोड़) और दुर्ग (456 करोड़) प्रमुख स्टेशन हैं, जिन्हें व्यापक रूप से पुनर्निर्मित किया जा रहा है.
प्रमुख रेल परियोजनाएं जो निर्माणाधीन हैं:
राजनांदगांव-नागपुर तीसरी लाइन: 228 किमी (छत्तीसगढ़ में 48 किमी), लागत ₹3544.25 करोड़
बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन: 206 किमी (छत्तीसगढ़ में 153 किमी), लागत ₹2135.34 करोड़
खरसिया-धरमजयगढ़ नई रेललाइन: 162.5 किमी, लागत ₹3438.39 करोड़
गौरेला-पेंड्रा रोड-गेवरा रोड: 156.81 किमी, लागत ₹4970.11 करोड़
अभनपुर-राजिम आमान परिवर्तन: 67.2 किमी, लागत ₹544 करोड़
बोरिडांड-अंबिकापुर दोहरीकरण: 80 किमी, लागत ₹776 करोड़
चिरमिरी-नागपुर न्यू हॉल्ट लाइन: 17 किमी, लागत ₹622.34 करोड़
रेल मंत्रालय ने रावघाट-जगदलपुर (140 किमी) रेल परियोजना को मंजूरी दी है, जिसकी लागत ₹3513.11 करोड़ है. यह परियोजना बस्तर क्षेत्र के सामाजिक और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी. साथ ही, यह नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थायित्व लाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी.
बस्तर में कोत्तवलसा-किरंदुल (KK) रेल लाइन के दोहरीकरण का कार्य तेज़ी से जारी है. छत्तीसगढ़ हिस्से में 170 किमी में से 148 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है.
कोठागुडेम (तेलंगाना) से किरंदुल तक 160.33 किमी लंबी प्रस्तावित रेललाइन का अंतिम सर्वे चल रहा है. इसमें 138.51 किमी छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों से होकर गुजरेगा. ये क्षेत्र अब तक रेल नेटवर्क से कटे हुए थे.
डीपीआर निर्माणाधीन परियोजनाएं:
अंबिकापुर-बरवाडीह: 200 किमी, ₹9718 करोड़
खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा: 278 किमी, ₹7854 करोड़
सरदेगा-भालूमाड़ा: 37.24 किमी, ₹1282 करोड़
धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा: 301 किमी, ₹16,834 करोड़
छत्तीसगढ़ सरकार ने कटघोरा से डोंगरगढ़ रेल लाइन निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है. इससे नागपुर-झारसुगुड़ा मार्ग पर मालगाड़ियों का दबाव कम होगा. छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि सलाहकार समिति द्वारा भूमि अधिग्रहण और प्रारंभिक निर्माण कार्य के लिए राशि स्वीकृत कर दी गई है.