नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दौरे पर हैं. उन्होंंने वृहस्पतिवार को रूस स्थित व्लादिवस्तोक में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि व्लादिवस्तोक यूरेशिया और पैसिफिक का संगम है. यह आर्कटिक और नॉर्दन सी रूट के लिए नए अवसर खोलता है. रूस का करीब तीन चौथाई हिस्सा एशियाई है. फार ईस्ट इस महान देश की एशियन पहचान को मजबूत करता है. इस क्षेत्र का आकार भारत से करीब दो गुना है. जिसकी आबादी सिर्फ 6 मिलियन है.
मोदी ने फार ईस्ट के लिए पुतिन की तारीफ करते हुए कहा, राष्ट्रपति पुतिन का फॉर ईस्ट के प्रति लगाव और विजन केवल इस क्षेत्र के लिए ही नहीं, अपितु भारत जैसे रूस के पार्टनर्स के लिए अभूतपूर्व अवसर लेकर आया है. उन्होंने कहा, रूस और फार ईस्ट का रिश्ता बहुत पुराना है. भारत पहला देश है, जिसने व्लादिवस्तोक में अपना कांसुलेट खोला है. सोवियत रूस के समय भी व्लादिवस्तोक के जरिए बहुत सामान भारत पहुंचता था. आज इसकी भागीदारी और भी बढ़ गई है. यह दोनों देशों की सुख-समृद्धि का सहारा बन रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत में भी हम सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र के साथ एक नए भारत के निर्माण में जुटे हैं. 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के अभियान में भी हम जी-जान से जुटे हैं.
A landmark announcement made by PM @narendramodi that will further India’s cooperation with regions of friendly nations. pic.twitter.com/1hfxCvwQoV
— PMO India (@PMOIndia) September 5, 2019
पीएम ने कहा कि मेरी सरकार एक्ट ईस्ट मिशन पर काम कर रही है. भारत और रूस के बीच करीब 50 से अधिक समझौते हुए हैं. भारत प्रकृति को बचाने के लिए कई कदम उठा रहा है. मोदी ने कहा कि पूर्वी हिस्से में विकास के लिए भारत 1 बिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट देगा.