धुबरी (असम), 10 जून (भाषा) असम के धुबरी जिले में सांप्रदायिक तनाव के बाद हालात में सुधार होने पर मंगलवार को जिला प्रशासन ने मुख्यालय क्षेत्र से निषेधाज्ञा हटा ली और सभी दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
धुबरी शहर में रविवार को एक मंदिर के पास मांस फेंके जाने के विरोध में प्रदर्शन हुए थे जिसके चलते स्थिति बिगड़ गई थी जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।
धुबरी के उपायुक्त (डीसी) दिबाकर नाथ ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि फिलहाल शहर में स्थिति नियंत्रण में है।
नाथ ने कहा, ‘‘हमने सोमवार के आदेश को निरस्त कर दिया है। अब दुकानें और बाजार खुल गए हैं।’’
उन्होंने बताया कि शहर के संवेदनशील इलाकों में शांति समितियां बनाई गई हैं, जिनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के सदस्य शामिल हैं।
गुवाहाटी से कानून एवं व्यवस्था के महानिरीक्षक (आईजी) अखिलेश कुमार सिंह सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी धुबरी पहुंचे और उन्होंने मुख्यालय क्षेत्र और आसपास के संवेदनशील इलाकों का दौरा किया।
नाथ ने कहा, ‘‘स्थिति पूरी तरह सामान्य है और लोग अब सड़कों पर हैं। हमने राज्य और केंद्र के सुरक्षाबलों की बड़ी संख्या में तैनाती की है, फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है।’’
सोमवार को धुबरी मजिस्ट्रेट कॉलोनी और न्यू मार्केट के पास कुछ असामाजिक तत्वों ने सब्जी विक्रेताओं और ई-रिक्शा चालकों पर हमला कर दिया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और हालात पर काबू पाया।
स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू करते हुए शहर की सभी दुकानों और बाजारों को बंद रखने का आदेश दिया था।
इसके साथ ही किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, सभा या जुलूस के लिए पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर भी रोक लगा दी गई थी।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा था कि ईद के मौके पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में कथित रूप से मवेशियों की अवैध हत्या की गई थी और उनके मांस के टुकड़े असम के कई स्थानों पर फेंके गए थे।
उन्होंने बताया था कि इस मामले में अब तक 16 लोगों को विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है।
भाषा राखी रंजन
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