नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई के विचारों को दोहराते हुए सोमवार को कहा कि प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है।
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) गवई ने रविवार को इस बात को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या मुंबई पुलिस आयुक्त, शीर्ष न्यायिक पद पर (गवई के) पदोन्नत होने के बाद राज्य के उनके पहले दौरे के दौरान उनका स्वागत करने के लिए मौजूद नहीं थे।
शीर्ष न्यायिक पद की 14 मई को शपथ लेने वाले प्रधान न्यायाधीश गवई महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए मुंबई में थे।
उनकी टिप्पणी के कुछ घंटों बाद, जब प्रधान न्यायाधीश गवई समाज सुधारक और संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि देने के लिए दादर में बी आर आंबेडकर के महापरिनिर्वाण स्थल चैत्यभूमि गए, तब ये तीनों शीर्ष अधिकारी उस समय मौजूद थे।
सोमवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, धनखड़ ने कहा कि आज सुबह उन्हें ‘‘देश में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बात याद आई, और यह मेरे बारे में नहीं है… हमें प्रोटोकॉल में विश्वास करना चाहिए।’’
धनखड़ ने एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा, ‘‘देश के प्रधान न्यायाधीश और प्रोटोकॉल को बहुत महत्व दिया जाता है। जब उन्होंने यह संकेत दिया, तो यह व्यक्तिगत नहीं था, यह उनके पद के लिए था। और मुझे यकीन है कि यह बात सभी को ध्यान में रखनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि वह भी एक तरह से प्रोटोकॉल के ‘‘पीड़ित’’ हैं।
धनखड़ ने कहा, ‘‘आपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीर देखी होगी, लेकिन उपराष्ट्रपति की नहीं। जब मेरा कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मेरे उत्तराधिकारी के पास एक तस्वीर हो।’’
उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा, ‘‘लेकिन मैं नौकरशाहों का ध्यान आकर्षित करने के लिए मौजूदा सीजेआई का वास्तव में आभारी हूं। प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक है।’’
भाषा सुभाष रंजन
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