नागपुर, 19 मई (भाषा) नागपुर पुलिस ने 155 करोड़ रुपये की एक बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा किया है, जिसमें कारोबारियों के एक गिरोह ने लोगों की असली पहचान का गलत इस्तेमाल कर फर्जी कंपनियां बनाईं और हवाला के जरिए काले धन का लेन-देन किया। इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि धोखाधड़ी का दायरा और बड़ा हो सकता है, क्योंकि आरोपियों ने 50-60 फर्जी कंपनियां बनाई थीं, जिनके माध्यम से संदिग्ध लेन-देन किए गए। आरोपियों ने विभिन्न राज्यों के जरूरतमंद लोगों की पहचान का दुरुपयोग किया, जिससे उनका नाम बिना जानकारी के इस्तेमाल हुआ।
चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपियों ने आपराधिक गतिविधियों के लिए विभिन्न राज्यों के जरूरतमंद लोगों की वास्तविक पहचान का इस्तेमाल किया।
कथित तौर पर अगस्त 2024 से जारी इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़ित ने पुलिस से संपर्क किया, जिसकी पहचान का इस्तेमाल फर्जी कंपनी पंजीकृत कराने के लिए किया गया था।
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत लकड़गंज पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।
अपराध शाखा के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच शुरू की, जिससे आरोपों की पुष्टि हुई और बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बंटी साहू, जयेश साहू, ऋषि लखानी और बृजकिशोर मनिहार के रूप में हुई है।
भाषा योगेश अविनाश
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