हैदराबाद, तीन मार्च (भाषा) तेलंगाना पुलिस ने सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को कानून और व्यवस्था की चिंताओं के मद्देनजर शहर के एक कार्यकर्ता के घर से चले जाने की सलाह दी, क्योंकि उनके दौरे के बारे में पुलिस को पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी।
‘नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट्स (एनएपीएम)’ के 30वें राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने हैदराबाद आईं पाटकर मूसी नदी के पास चदरघाट इलाके में एक कार्यकर्ता के घर पहुंचीं।
एनएपीएम के किरण कुमार विस्सा ने कहा कि पाटकर अचानक इलाके के दौरे पर गई थीं और यह कोई योजनाबद्ध विरोध प्रदर्शन नहीं था।
विस्सा ने कहा कि वह इलाके में रहने वाले कुछ स्वयंसेवकों से मिलने और मूसी परियोजना से ‘प्रभावित’ लोगों से मिलने पहुंचीं।
उन्होंने कहा कि पाटकर ने इलाके का दौरा किया, कुछ स्थानीय निवासियों से बातचीत की और चली गईं।
हालांकि, पुलिस ने इन खबरों का खंडन किया कि उन्हें इलाके से वापस भेजने का कारण तेलंगाना सरकार की प्रस्तावित मूसी नदी पुनरुद्धार परियोजना से कथित रूप से प्रभावित लोगों से उनका मिलना था।
पुलिस की एक टीम कार्यकर्ता के घर गई और पाटकर से उनके आने का उद्देश्य पूछा, जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि वह एक मित्र से मिलने आई हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘पाटकर राष्ट्रीय स्तर की नेता हैं। उन्हें (घर पर) आमंत्रित करने वाले व्यक्ति ने पुलिस को उनके आने के बारे में कोई सूचना नहीं दी। अगर उन्हें कुछ हो जाता तो क्या होता? पुलिस को उनके आने पर कोई आपत्ति नहीं थी। अगर पुलिस को पहले से सूचित किया जाता तो हम उनकी सुरक्षा का प्रबंध कर सकते थे।’’
भाषा वैभव राजकुमार
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