नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में अपने धातु उत्पादन को दोगुना करके सालाना 20 लाख टन करना है। कंपनी की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने यह बात कही।
उन्होंने शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘भारत की इस्पात क्षमता में विस्तार और बुनियादी ढांचे पर अत्यधिक ध्यान के साथ, हिंदुस्तान जिंक 2030 तक अपने उत्पादन को दोगुना करके 20 लाख टन सालाना करने की राह पर है। हमारा जिंक, इस्पात गैल्वनाइजेशन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’
कंपनी की जिंक उत्पादन क्षमता इस समय सालाना 11 लाख टन है।
हेब्बार ने कहा कि कंपनी महत्वपूर्ण खनिजों में भी विस्तार कर रही है और उसे देश में कई ब्लॉकों के लिए पसंदीदा बोलीदाता घोषित किया गया है।
हिंदुस्तान जिंक की रोस्टर और उर्वरक संयंत्र परियोजनाएं भी आगे बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे हमारे ‘टेली-रिमोट’ संचालन हों, जो हमें सतह से भूमिगत खदानों को संचालित करने की क्षमता देते हैं या धातु उत्पादन में उन्नत रोबोटिक्स का इस्तेमाल हो, हम अपने संचालन में मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
कंपनी के कृत्रिम मेधा (एआई) को तेजी से अपनाने से अयस्क निकालने, प्रसंस्करण और धातु उत्पादन में वृद्धि हुई है और इसकी उत्पादकता लगातार बढ़ रही है।
पिछले पांच वर्षों में, कंपनी का धातु उत्पादन चार प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ा है, जबकि चांदी का उत्पादन पांच प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
भाषा पाण्डेय अजय
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