(सुप्रिया सोगले)
मुंबई, दो मार्च (भाषा) अभिनेता बॉबी देओल ने ‘आश्रम’ और ‘एनिमल’ में खलनायक की भूमिका निभाकर अपनी नायक की छवि से अलग हटकर काम किया, लेकिन अब उनके पास नकारात्मक किरदारों के ही प्रस्ताव आ रहे हैं और उनका कहना है कि वह अपनी इस छवि से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
देओल ने कहा कि खलनायक की भूमिका निभाना रोमांचक और चुनौतीपूर्ण है, लेकिन वह नयी एवं अलग भूमिकाएं निभाना चाहते हैं। उन्होंने ‘रेस 3’, ‘लव हॉस्टल’ और ‘कंगुवा’ में भी खलनायक की भूमिकाएं निभाई हैं।
वह कहना है कि फिल्म निर्माता प्रकाश झा की ‘आश्रम’ सीरीज में निभाए बाबा निराला के किरदार से उनके प्रति लोगों की धारणा बदली। इस सीरीज के तीसरे सीज़न के दूसरे भाग का हाल में प्रसारण किया गया।
देओल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा, “इसने मेरी जिंदगी बदल दी, लोगों ने मुझे एक अलग नजरिए से देखा।… मेरे जीवन के उस मोड़ पर प्रकाश जी के अलावा कोई भी यह मानने को तैयार नहीं था कि मैं ऐसा कर सकता हूं।”
अभिनेता ने कहा कि लेकिन अब वह एक खांचे में बंधते जा रहे हैं और वह इस छवि से भी बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि वह मुख्य भूमिका निभाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि हाल में उनके द्वारा निभाए किरदारों को मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया प्रेरणादायक रही है। वह इस साल अपने फिल्मी करियर के 30 साल कर पूरे कर रहे हैं। उन्होंने 1995 में ट्विंकल खन्ना के साथ ‘बरसात’ फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी।
देओल ने कहा कि अभी वह जो किरदार निभा रहे हैं, वे ऐसे नहीं है जिन्हें लेकर वह सहज रहते थे।
अभिनेता ने कहा, “शुरू में, मुझे इन्हें निभाने में शर्म महसूस हुई क्योंकि इन भूमिकाओं के लिए मुझे खुद को प्रेरित करना था और बहुत मेहनत करनी थी।”
देओल ने अभिनेताओं के लिए अवसर पैदा करने के लिए ओटीटी (डिजिटल) मंचों की भी प्रशंसा की।
‘आश्रम 3- पार्ट 2’ का प्रसारण बृहस्पतिवार को ‘एमएक्स प्लेयर’ पर हुआ।
भाषा नोमान सिम्मी
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