नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) कांग्रेस ने ‘यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड) की ओर से वित्तपोषण से जुड़ी एक खबर को लेकर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला और कहा कि अब सच्चाई सामने आने के बाद सत्तारूढ़ दल को माफी मांगनी चाहिए।
दूसरी तरफ, भाजपा ने खबर को ‘लीपापोती’ और ‘फर्जी’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया और आरोप लगाया कि ‘गांधी परिवार के चाटुकार’ भ्रामक दावे करके भ्रम फैला रहे हैं।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि ‘यूएसएड’ तथा अन्य ऐसी विदेशी एजेंसियों द्वारा पिछले 70 वर्षों के दौरान भारत में की गई ‘फंडिंग’ पर श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए।
अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की इस खबर में दावा किया गया है कि ‘यू.एस. एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड) की ओर से मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए मंजूर की गई 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता भारत नहीं बल्कि बांग्लादेश के लिए थी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर यह खबर साझा करते हुए पोस्ट किया, ‘‘झूठ सबसे पहले वाशिंगटन में बोला गया। फिर झूठ को भाजपा की झूठ सेना द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया…अब झूठ का पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है।’’
उन्होंने सवाल किया कि क्या झूठे लोग माफी मांगेंगे?
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक हफ्ते से एक कहानी चलाई रही है कि यूएसएड ने नरेन्द्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर दिए। अगर इतनी सुरक्षा एजेंसियों के होते हुए भी मोदी सरकार ने भारत में 2.1 करोड़ डॉलर आने दिए तो ये शर्म की बात है। वहीं, जब इस बारे में मोदी सरकार से सवाल पूछा गया तो कहने लगे- ये पैसा 2012 में संप्रग सरकार के समय आया था। ऐसे में क्या 2014 में भाजपा इसी पैसे से जीती थी?’’
उन्होंने एक अंग्रेजी दैनिक की खबर का हवाला देते हुए कहा कि सच्चाई ये है कि यूएसएड के ये 2.1 करोड़ डॉलर बांग्लादेश के गैर सरकारी संगठनों को गए हैं।
खेड़ा ने दावा किया, ‘‘एक समय भारत के प्रधानमंत्री के पद की ऐसी साख होती थी कि अमेरिका तक को पीछे हटना पड़ता था, लेकिन आज अमेरिका से बांग्लादेश में 2.1 करोड़ डॉलर आ गए, पर नरेन्द्र मोदी को कुछ पता ही नहीं।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘ये आपका कैसा सूचना तंत्र है। ये आपका कैसा खुफिया तंत्र है। क्या बांग्लादेश में आई अस्थिरता का असर भारत पर नहीं पड़ेगा ।’’
भाजपा का उल्लेख करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आप एक विशाल शीशमहल में रह रहे हैं। पत्थर मत उछालिए। आपको मुंह छिपाने की जगह नहीं मिलेगी।’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सिर्फ ‘यूएसएड’ ही नहीं, ऐसी सभी एजेंसियों द्वारा पिछले 70 साल में की गई फंडिंग पर श्वेत पत्र लाया जाए।’’
भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने अखबार की खबर को फर्जी बताया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘इंडियन एक्सप्रेस की खबर में 2022 में बांग्लादेश को 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग की चर्चा की गई है। हालाँकि, लेख भारत में मतदाता मतदान को ‘बढ़ावा’ देने के उद्देश्य से 2.1 करोड़ डॉलर की फंडिंग के संदर्भ को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है।’’
मालवीय ने दावा किया, ‘‘यह अब स्पष्ट होता जा रहा है कि कांग्रेस-नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से भारत की संस्थाओं में उन ताकतों को प्रवेश करने की अनुमति दी, जो राष्ट्र-विरोधी हितों के लिए काम करती हैं। ये ऐसी ताकतें हैं जो हर संभव अवसर पर भारत को कमजोर करना चाहती हैं।’’
भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आने के बाद कुछ अखबारों ने इस मामले पर ‘पर्दा डालना’ शुरू कर दिया है।
उन्होंने यूएस डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (डीओईजी) के ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट का भी हवाला दिया जिसमें भारत में मतदान के लिए 2.1 करोड़ डॉलर के वित्तपोषण का उल्लेख किया गया है और आरोप लगाया है कि ‘गांधी परिवार के चाटुकार’ भ्रामक दावे करके भ्रम फैला रहे हैं।
अमेरिका के मियामी में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत में मतदान में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘यूएसएड’ द्वारा दी गई 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता पर सवाल उठाया और कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वे किसी और को निर्वाचित कराने का प्रयास कर रहे थे।’’
अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने दावा किया है कि साल 2022 में 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि बांग्लादेश के लिए थी और इसमें से 1.34 करोड़ डॉलर बांग्लादेशी छात्रों के बीच राजनीतिक और नागरिक जुड़ाव एवं 2024 के आम चुनावों से पहले की परियोजनाओं के लिए खर्च किए जा चुके हैं।
भाजपा प्रवक्ता भाटिया ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को ‘गद्दार’ करार दिया और उन पर भारत को कमजोर करने के लिए विदेशी ताकतों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान 2004-13 के बीच भारत में 200 करोड़ डॉलर से अधिक का चंदा सरकार के पास आया। और, नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में सिर्फ 15 लाख अमेरिकी डालर आए। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे जानते हैं कि नरेन्द्र मोदी किसी भी विदेशी ताकत के हाथों भारत और भारत के हितों को नहीं बेचेंगे।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का उद्देश्य ‘भारत को तोड़ना’ था।
भाषा हक ब्रजेन्द्र हक रंजन
रंजन
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