नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) तेजी से बदल रहे क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के बीच सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के बीच भारत ने शनिवार को 2025-26 के लिए रक्षा परिव्यय के रूप में 6,81,210 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो चालू वित्त वर्ष के 6.22 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में मामूली वृद्धि है।
पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1,92,387 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जिसमें बड़े पैमाने पर नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य उपकरण खरीदना शामिल है।
वर्ष 2024-25 में पूंजी परिव्यय 1.72 लाख करोड़ रुपये था और संशोधित अनुमान के अनुसार यह राशि 1,59,500 करोड़ रुपये है, जो बताता है कि लगभग 13,500 करोड़ रुपये की राशि अभी तक खर्च नहीं की गई है।
अगले वित्त वर्ष के लिए दैनिक कामकाज और वेतन संबंधी राजस्व व्यय 4,88,822 करोड़ रुपये आंका गया है, जिसमें पेंशन के लिए 1,60,795 करोड़ रुपये शामिल हैं।
वर्ष 2025-26 में रक्षा बजट के लिए आवंटन अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद का 1.91 प्रतिशत होने का अनुमान है।
पूंजीगत व्यय के तहत विमान और वैमानिकी इंजनों के लिए 48,614 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं जबकि नौसेना बेड़े के लिए 24,390 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
अन्य उपकरणों के लिए 63,099 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है।
नौसेना गोदी परियोजनाओं के लिए 4,500 करोड़ रुपये का अलग से आवंटन किया गया है।
साल 2024-25 में सरकार ने रक्षा बजट के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए।
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नेत्रपाल प्रशांत
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