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Friday, 22 November, 2024
होमदेशअटल बिहारी वाजपेयी की इंसानियत और कश्मीरियत से क्या दूर हो रही है मोदी सरकार

अटल बिहारी वाजपेयी की इंसानियत और कश्मीरियत से क्या दूर हो रही है मोदी सरकार

जम्मू और कश्मीर में बिगड़ते हालत के बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को जम्मू और कश्मीर के प्रति सहानभूति रखने के लिए याद किया.

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नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर को लेकर चल रही हलचल के बीच आज भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी याद किए जा रहे है. हर तरफ वाजपेयी की कश्मीर नीति को लेकर चर्चा हो रही है. जिसमें उन्होंने कश्मीर के लोगों को आश्वसत करते हुए कहा था कि सभी मुद्दों को हम इंसानियत (मानवतावाद), जम्हूरियत (लोकतंत्र) और कश्मीरियत (कश्मीर की हिंदू-मुस्लिम सद्भाव सदियों पुरानी विरासत) सिद्धांतों से हल करना चाहते है. वहीं मोदी सरकार की नीति इससे इतर नज़र आ रही है. जिस तरह से सुरक्षा के इंतज़ाम किए गए और जनता को इसकी खबर नहीं रही उससे लगता है कि मोदी नीति वाजपेयी की नीति से कोसो दूर है.

महबूबा को भी याद आए अटलजी

जम्मू और कश्मीर में बिगड़ते हालत के बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को जम्मू और कश्मीर के प्रति सहानुभूमि रखने के लिए याद किया. महबूबा ने कहा कि आज वाजपेयी की कमी सबसे ज्यादा महसूस हो रही है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भाजपा के नेता होने के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी में कश्मीरियों के लिए सहानुभूति थी. उन्होंने कश्मीर की जनता का प्यार जीता.

यह कहा था पूर्व पीएम वाजपेयी ने

भारत रत्न और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में श्रीनगर में एक रैली के दौरान कहा ​था कि मैं कश्मीर के लोगों को बड़ी संख्या में विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए बधाई देता हूं. सभी श्रीनगर के बांशिदों ने गोलियों की धमकी की फिक्र न करते हुए. अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वाजपेयी ने लोगों से कहा था कि मैं आपके दर्द और पीड़ा को साझा करने के लिए के लिए यहां आया हूं. आप लोगों के पास जो भी शिकायते है, वह सामूहिक रुप से बताए. दिल्ली के दरवाजों पर दस्तक दे. ​दिल्ली कभी भी आपके लिए ​अपने दरवाजे बंद नहीं करेगी. हमारे दिल के दरवाजे हमेशा से आपके लिए खुला रहेगा.

मैं जम्मू और कश्मीर के लोगों को आश्वासन ​देता हूं कि हम सभी मुद्दों को हल करना चाहते है. घरेलू और बाहरी सभी मुद्दे हम बातचीत के माध्यम से हल करेंगे. वाजपेयी ने सभा में जोर देकर कहा था कि बंदूक कोई भी समस्या नहीं सुलझा सकती है. भाईचारे से भी सभी का समाधान हो सकता है,अगर हम इंसानियत (मानवतावाद), जम्हूरियत (लोकतंत्र) और कश्मीरियत (कश्मीर की हिंदू-मुस्लिम सद्भाव की सदियों पुरानी विरासत) के तीन सिद्धांतों से आगे बढ़ते हैं, तो मुद्दों को हल किया जा सकता है.

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