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Tuesday, 15 July, 2025
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भारतीय रुपया दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे कमजोर प्रदर्शन वाली मुद्राः मूडीज

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नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) मूडीज रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले दो वर्षों में भारतीय मुद्रा लगभग पांच प्रतिशत और पिछले पांच वर्षों में 20 प्रतिशत गिरकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक बन गई है।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में लगातार गिरावट देखने को मिली है। हाल ही में रुपया 86.70 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक आ गया था। इसे लेकर आर्थिक जगत में खासी चिंता देखी जा रही है।

मूडीज ने गिरते रुपये के प्रभावों को समझने के लिए भारत की 23 कंपनियों का आकलन किया है। इसके आधार पर मूडीज ने पाया कि इनमें से केवल छह कंपनियों पर ही डॉलर की मजबूती का असर पड़ रहा है।

हालांकि मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन कंपनियों के पास भी असर को कम करने वाले कारक मौजूद हैं।

मूडीज के आकलन में शामिल इन कंपनियों में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल), इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), अल्ट्राटेक सीमेंट, भारती एयरटेल और एएनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

मूडीज ने ‘दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया उभरते बाजारों की कंपनियों पर जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘पिछले दो वर्षों में रुपये में केवल पांच प्रतिशत की ही गिरावट आई है, लेकिन जनवरी, 2020 से अब तक यह 20 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है। इस तरह यह दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक बन गई है।’

रेटिंग एजेंसी का यह आकलन कई क्षेत्रों में व्याप्त इस धारणा के उलट है कि डॉलर की मजबूती के बीच भारतीय मुद्रा का प्रदर्शन अन्य मुद्राओं की तुलना में कहीं बेहतर रहा है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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